मानसून की बारिश में हर साल खेतों से जलाशयों तक पहुंच जाता है 70 हजार टन रसायन

(दिवाँशी)- harmful chemicals-नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर लगभग 70,000 हजार टन संभावित हानिकारक रसायन हर साल जलाशयों में पहुँच जाता है। इनमें से कुछ महासागरों में पहुँच रहा है, जो पर्यावरण के लिए बेहद घातक होता है।

एक अध्ययन से यह भी पता चलता है कि यह हानिकारक रसायन ना केवल खेतों के आसपास की मिट्टी और पानी को प्रदूषित करते है बल्कि नदियों और महासागरों तक पहुँच जाता है। यह जलीय पारिस्थितिकी तंत्र, मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और साथ ही साथ ये मीठे पानी के स्रोतों को भी प्रभावित करते है।

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थोड़ी मात्रा में कीटनाशक भी पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालते है
सिडनी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के अध्ययन के प्रमुख लेखक फेडरिको मैगी  के अनुसार ताजे जलमार्गों में 0.5 प्रतिशत का निक्षालन बहुत अधिक नहीं लग सकता है, लेकिन पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डालने के लिए केवल थोडी मात्रा में कीटनाशकों की आवश्यकता होती है। अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 13,000 किलोमीटर लंबी

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नदियों में रासायनिक पदार्थ कई जल में रहने वाले पौधें और जीवों के लिए सुरक्षा सीमा से अधिक है।
ये निष्कर्ष 92 सामान्य कीटनाशकों के भौगोलिक वितरण के विश्लेषण पर आधारित है। जिसमें ये भी कहा गया कि कीटनाशकों के उपयोग को कम करना और निगरानी को मजबूत बेहद जरूरी है।

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