रोहतक (रिपोर्ट- देवेंद्र शर्मा): धान की फसल पककर खेतों में तैयार है और अब किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है कि वह गेहूं की फसल बोने के लिए पराली को कहां लेकर जाए। ऐसे में किसानों की सरकार से गुहार है कि सरकार या तो पराली खरीदें, नहीं तो उनके पास पराली को जलाने के सिवाय कोई चारा नहीं रहेगा। किसानों का आरोप है कि सरकार हर बार पराली खरीदने का आश्वासन तो देती है, लेकिन आज तक सरकार की ओर से उनकी पराली कभी नहीं खरीदी गई।
अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व उत्तर प्रदेश में धुआं नुमा कोहरा छाया रहता है और जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। हर बार यह कहा जाता है कि यह धुआं पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही है पराली की वजह से हो रहा है और ऐसी बहुत सी खबरें सामने भी आती है। अब फिर वही समय आ गया है और एक बार फिर डर सताने लगा है कि इस धुएं से वातावरण खराब होगा। लेकिन किसान भी मजबूर है।
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किसान का कहना है कि सरकार हर बार यह आश्वासन देती है कि वह पराली का समाधान करेंगे। जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। लेकिन यह बात केवल हवा हवाई है। क्योंकि किसानों का कहना हैं कि सरकार ने आज तक उनकी कोई पराली नहीं खरीदी हैं। जिसकी वजह से गेहूं की फसल बोने में उन्हें काफी दिक्कत आती है और उनके पास इस पराली से निजात पाने का एकमात्र साधन इसमें आग लगाना है और इस बार भी यही हालात पैदा होंगे। अगर सरकार खेत से पराली खरीद लेती है तो सही है, अन्यथा उनके पास पराली जलाने के सिवाय कोई चारा नहीं है।
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