नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): कोरोना का नए वेरिएंट ओमिक्रोन देश में तेजी से फैल रहा है। कोरोना के बढ़ेत मामलों के बीच ओमिक्रोन का पता लगाने वाली पहली किट ओमिस्योर को ICMR ने मंजूरी दे दी है।
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के परीक्षण में तेजी लाने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद IMCR ने टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स द्वारा विकसित किट को मंजूरी दे दी है। टाटा समूह की हेल्थकेयर कंपनी टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स ने ओमिस्योर टेस्टिंग किट तैयार की है। इसे जल्दी ही बाजार में उपलब्ध करा दिया जायेगा। इस किट का प्रयोग घर पर भी किया जा सकता है।

ओमिस्योर टेस्ट किट अन्य आरटी-पीसीआर टेस्ट किट की तरह ही काम करेगा। इस किट से जांच के लिए भी नाक या मुंह से स्वाब लिया जाएगा। फिर 10 से 15 मिनट में जांच रिपोर्ट आ जाएगी जैसा कि अन्य आरटी-पीसीआर टेस्ट में होता है। ओमीस्योर से जांच का तरीका अन्य आरटी-पीसीआर टेस्ट से कुछ भी अलग नहीं होगा।
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अभी देश में ओमीक्रोन वेरियेंट से संक्रमण की जांच के लिए अमेरिकी कंपनी थर्मो फिशर की मल्टिप्लेक्स किट का इस्तेमाल हो रहा है। यह किट एस-जीन टार्गेट फेल्यो स्ट्रैटिजी पर आधारित है। ओमीक्रोन वेरियेंट एस-जीन में कई म्यूटेशन कर चुका हैं, इसलिए एसजीटीएफ स्ट्रैटिजी से ओमीक्रोन मरीजों में एस-जीन की गैर-मौजूदगी दिखती है।
आईसीएमआर की तरफ से टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड की किट को मंजूरी मिलने के बाद अब ओमिक्रोन के मामलों की जांच जल्द हो सकेगी। इस टेक्नोलॉजी की ऑनरशिप आईसीएमआर के पास रहेगी, जबकि टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स इसका व्यावसायिक उत्पादन करेगी।टाटा के ओमिस्योर को 30 दिसंबर को आईसीएमआर की मंजूरी मिली थी।
टाटा समूह की कंपनियां कोविड-19 के खिलाफ जारी अभियान पर अब तक करीब 2,500 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी हैं। दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी होने पर टाटा स्टील के कलिंगनगर प्लांट ने बड़े स्तर पर लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति की थी। इनके अलावा टाटा समूह की कंपनियों पीपीई किट और टेस्टिंग किट की लाखों यूनिट की आपूर्ति भी कर चुकी हैं।
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