हरियाणा का बजट महिलाओं को समर्पित, महिला दिवस पर महिलाओं के लिए कई सौगात

वित्त मंत्री के रूप में सदन में लगातार अपना तीसरा बजट प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त विश्व की मातृ शक्ति को वंदन करते हुए कहा कि नारी के बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हरियाणा की महिलाओं ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है। मुख्यमंत्री ने अनेक मनोहर सौगातें देने के साथ-साथ हरियाणा की बेटी महिला आईकॉन स्व. श्रीमती सुषमा स्वराज के नाम 5 लाख का पुरस्कार आरम्भ करने की घोषणा भी की।

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मुख्यमंत्री ने अपने बजट अभिभाषण में हरियाणा विधानसभा की प्रथम महिला अध्यक्ष सन्नों देवी तथा प्रथम महिला उपाध्यक्ष लेखवती जैन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह इस बात को दर्शाता है कि आरम्भ से ही इस महान सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व रहा है। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं की और अधिक भागीदारी हो, इसके लिए महिलाओं के लिए आरक्षित 33 प्रतिशत स्थानों की बजाए महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत स्थानों पर भागीदारिता बढ़ाने की घोषणा भी की। इसके अलावा, महिलाओं को उद्यमिता की ओर आकर्षित करने के लिए एक नई योजना हरियाणा मुख्यमंत्री उद्यमिता योजना की शुरूआत करने की घोषणा की। इसके लिए परिवार पहचान पत्र के डाटा के आधार पर महिला एवं उसके परिवार के सदस्यों की वार्षिक आय 5 लाख से कम आधार मानकर स्वयं सहायता समूह को ऋण के रूप में तीन लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा तीन वर्ष तक ब्याज में 7 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
 
मुख्यमंत्री ने कामकाजी महिलाओं को भी मनोहर सौगात देते हुए सस्ती आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने की घोषणा की और इसके लिए पंचकूला, गुरुग्राम व फरीदाबाद में कामकाजी महिला छात्रावास स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, वर्ष 2022-23 के दौरान ‘सहभागिता’ के माध्यम से तीन महिला आश्रम स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की। महिला शिक्षा मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिताओं में से एक है। इसी कड़ी में 20 किलोमीटर की परिधि में कोई न कोई महिला कॉलेज खोलने की प्रक्रिया पहले ही जारी है। अपने बजटीय भाषण में मुख्यमंत्री ने भिवानी जिले के कुड़ल तथा छप्पार व सोनीपत जिले के गन्नौर में तीन नये महिला महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। स्वयं सहायता समूह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम रहा है। इसके महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के दौरान 10,000 स्वयं सहायता समूह स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, जिन महिला परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये या इससे कम है, उनको केन्द्र व राज्य सरकार से सहायता दी जाएगी। इससे राज्य के लगभग 50,000 महिला परिवारों को लाभ होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने अपने अभिभाषण में सदन से अनुरोध किया कि पंचायती राज संस्थानों में 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व महिलाओं के लिए बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जाए।

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