IMD: तमिलनाडु में दो निम्न दाब प्रणालियों के कारण कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। एक निम्न दवाब का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर और दूसरा दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर हाल ही में बना है।मौसम विभाग के बुलेटिन में रविवार को चेतावनी दी गई थी।
इसमें कहा गया था , “दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और केरल-कर्नाटक तटों से दूर लक्षद्वीप क्षेत्र में बना निम्न दाब क्षेत्र लगभग पश्चिम की ओर बढ़ गया है और 20 अक्टूबर 2025 को सुबह 08:30 बजे भारतीय समयानुसार दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर स्थित है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके लगभग पश्चिम की ओर बढ़ने और एक अवदाब में परिवर्तित होने की संभावना है।“IMD
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इसके साथ ही, बुधवार को दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और निम्न दाब क्षेत्र विकसित हुआ है, जो पहले बने एक ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण से प्रभावित है। इस प्रणाली के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 36 घंटों के भीतर एक अवदाब में परिवर्तित होने की उम्मीद है, जिसका तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी पर असर पड़ सकता है।इसके कारण रामनाथपुरम, पुदुक्कोट्टई, तंजावुर, तिरुवरुर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर जिले, पुदुचेरी और कराईकल क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।IMD
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कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, तुतूकुडी, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, अरियालुर, पेरम्बलुर, शिवगंगा, मदुरै, विरुधुनगर, तेनकासी, थेनी और डिंडीगुल जिलों में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना है।लगातार हो रही बारिश ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई निचले इलाकों में जलभराव की सूचना मिली है, जिससे निवासियों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है।वर्तमान में, डेल्टा जिलों में सांबा धान की फसल की रोपाई का काम चल रहा है। हालांकि, बारिश के कारण कई एकड़ में लगे सांबा धान के पौधे डूब गए हैं, जिससे किसान परेशान हैं।
सलेम स्थित मेट्टूर बांध में पानी का प्रवाह 30,000 घन फीट प्रति सेकंड से बढ़कर 30,500 घन फीट प्रति सेकंड हो गया है। बांध इस साल सातवीं बार अपनी पूर्ण क्षमता 120 फीट तक पहुंच गया है और अतिरिक्त पानी 16 जलद्वारों के माध्यम से छोड़ा जा रहा है।कावेरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बांध में पानी का प्रवाह बढ़ गया है। वर्तमान में जल स्तर 120 फीट है और इसमें 93.47 टीएमसी पानी जमा है। कावेरी डेल्टा सिंचाई और पूर्व-पश्चिम नहर सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है।मौसम विभाग ने मछुआरों को 21 से 24 अक्टूबर तक समुद्र के ऊपरी क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।IMD