गुरुग्राम के सेक्टर-18 स्थित एसआरएल लैब ने फोर्टिस अस्पताल से लैब तक सैम्पल लाने के लिए ड्रोन का प्रयोग शुरू किया। लेकिन ड्रोन का प्रयोग करना कम्पनी को उस वक्त महंगा पड़ गया जब फोर्टिस अस्पताल से ड्रोन सैम्पल लेकर सेक्टर 18 पहुंचा तो एयर फोर्स के जवानों की नजर इस ड्रोन पर पड़ी जिसके बाद एयरफोर्स के अधिकारियों की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने इस ड्रोन को सेक्टर 18 से एसआरएल डाइग्नोस्टिक की लैब से इस ड्रोन को बरामद किया।
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ये ड्रोन एक बार मे 5 किलों तक का वजन उठा सकता है। और इस ड्रोन का वजन 10 किलो ग्राम है। एसआरएल डायग्नोस्टिक लैब की तरफ से सैम्पल जल्द लैब पहुंच सके इसके लिए ड्रॉन का प्रयोग किया जा रहा था। दरअसल एयर फोर्स के आयुध डिपो के 3 किलो मीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है। लेकिन फोर्टिस अस्पताल से जब ये ड्रोन उड़ा तो सेक्टर 18 इस प्रतिबंधित एरिया में आता है। इसी के चलते ये मामला एयर फोर्स की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। जिसके बाद ड्रोन संचालित कम्पनी और लैब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी यह साफ कर दिया गया है कि हाईकमान से इस पूरे मामले की गाइडलाइंस मांगी गई है यदि कहीं भी स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस को नजरअंदाज किया होगा तो निश्चित तौर पर अस्पताल और लैब दोनों पर कानूनी शिकंजा स्वास्थ्य विभाग सकेगा।