Haryana News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 26 पर्यटकों की मौत के बाद देश और प्रदेश में आक्रोश प्रदर्शनों को दौर जारी है। इस बीच हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने प्रदेश में शांति, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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आपको बता दें, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने चंडीगढ़ में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि परस्पर सौहार्द और सामाजिक एकता को भंग करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए।
बैठक के दौरान गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से कई निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से गश्त बढ़ाने, स्थानीय खुफिया जानकारी जुटाने के तंत्र को दुरुस्त करने और संभावित संवेदनशील क्षेत्रों पर निरंतर निगरानी बनाए रखने का आह्वान किया है। उन्होंने विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी पर बल देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि गलत सूचना फैलाने वाले या सांप्रदायिक माहौल को खराब करने का प्रयास करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाएगा। डॉ. मिश्रा ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की पूर्ण सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित की जाए। जिला प्रशासन शैक्षणिक संस्थानों के निकट संपर्क में रहे ताकि छात्रों में सुरक्षा संबंधी किसी भी चिंता को दूर किया जा सके। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि नियमित रूप से कानून और व्यवस्था का आकलन किया जाए और किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए आकस्मिक योजना तैयार रखी जाए।
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इसके साथ ही पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बैठक के दौरान सभी जिला पुलिस प्रमुखों को संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और उन पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपसी समझ को बढ़ाने और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जिला स्तर पर शांति समितियों को फिर से सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ये समितियां समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और संवेदनशील समय में तनाव को कम करने के लिए एक सेतु का काम कर सकती हैं।