(प्रदीप कुमार): भारत ने UN में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर करारा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने ये जवाब दिया है। भारत ने दो टूक कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं है। भारत ने UN में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर करारा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने ये जवाब दिया है।भारत ने दो टूक कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ संभव नहीं।शांति और सुरक्षा तब ही होगी जब सीमा पार आतंकवाद खत्म हो जाएगा। जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र महासभा UNGA में अपने संबोधन के दौरान ये जवाब दिया है।
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाने के साथ ही भारत के खिलाफ कई बयान जारी किए थे। अब भारत ने भी पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारत ने UN में अपने संबोधन में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को नसीहत दी है।संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने कहा कि शांति और सुरक्षा तब ही होगी जब सीमा पार आतंकवाद खत्म हो जाएगा। अपने जवाब में भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करने की याद दिलाई। भारतीय राजनियिक विनिटो ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय, इस्लामाबाद को “सीमा पार आतंकवाद” को रोकना चाहिए।
मिजिटो ने आगे कहा कि जब अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों की संख्या में युवा महिलाओं का एसओपी के रूप में अपहरण कर लिया जाता है, तो हम इस बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? उन्होंने पाकिस्तान के सभी बयानों को गलत करार दिया। पीएम शहबाज के बयानों को खेदजनक बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने ही देश में कुकर्मों को छिपाने के लिए ऐसे बयान जारी किए है।
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दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के लिए 5 अगस्त 2019 को भारत के ‘अवैध और एकतरफा’ कदम ने शांति की संभावनाओं को और कमतर किया है और क्षेत्रीय तनाव को भड़काया है। वहीं, अब जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने इसका जोरदार पलटवार किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मिजिटो विनिटो ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा की इच्छा को साकार किया जा सकता है, लेकिन यह तब होगा जब सीमा पार यानी पाकिस्तान में आतंकवाद खत्म हो जाएगा। सरकार अंतर समुदाय और उनके लोगों के साथ साफ हो जाएंगी, जब अल्पसंख्यकों को सताया नहीं जाएगा। बहरहाल भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर कड़ी कूटनीतिक टिप्पणी कर एक बार फिर आतंक पर उसके दोहरे रवैये को दुनिया के सामने बेनकाब किया है।