India-Russia Relations: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और रूस को जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए रचनात्मक और नया नजरिया अपनाना चाहिए।
ये बात रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर वाशिंगटन के साथ भारत के संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच कही गई। जयशंकर ने ये टिप्पणी मॉस्को में रूस के पहले उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक बैठक में की। India-Russia Relations
अपने टेलीविजन उद्घाटन भाषण में, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस को द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने और ज्यादा संयुक्त उद्यमों के माध्यम से सहयोग के अपने “एजेंडे” में निरंतर विविधता लानी चाहिए और उसका विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा, “ज्यादा करना और अलग तरीके से करना हमारा मंत्र होना चाहिए।” India-Russia Relations
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ये टिप्पणी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर देने के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में आई गिरावट के बीच आई है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। India-Russia Relations
विदेश मंत्री मंगलवार को तीन दिवसीय यात्रा पर मास्को पहुंचे। जयशंकर-मंतुरोव वार्ता भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के ढांचे के तहत आयोजित की गई थी। इस बैठक का मकसद इस साल के अंत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के लिए आधार तैयार करना था।
वर्तमान भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में भारत-रूस संबंधों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, जयशंकर ने विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत करने के लिए खास सुझाव दिए। India-Russia Relations
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उन्होंने कहा, “अलग-अलग कार्य समूह और उप-समूह अपने-अपने एजेंडे के प्रति शायद ज्यादा रचनात्मक और नया नजरिया अपना सकते हैं। मैंने जिस व्यापक परिदृश्य का जिक्र किया है, उससे पैदा चुनौतियों के लिए हमें ऐसा करना जरूरी है।” विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को आपसी परामर्श के माध्यम से अपने एजेंडे में निरंतर विविधता लानी चाहिए और उसका विस्तार करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इससे हमें अपने व्यापार और निवेश संबंधों की पूरी क्षमता का दोहन करने में मदद मिलेगी। हमें एक ही रास्ते पर अटके नहीं रहना चाहिए।” जयशंकर ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और ज्यादा विस्तारित करने के लिए “मात्रात्मक लक्ष्य और विशिष्ट समय-सीमा” तय करने का भी आह्वान किया। India-Russia Relations
उन्होंने कहा, “मैं आग्रह करता हूं कि हम अपने लिए कुछ मात्रात्मक लक्ष्य और विशिष्ट समय-सीमाएं तय करें ताकि हम खुद को और ज्यादा हासिल करने के लिए चुनौती दे सकें, शायद उससे भी आगे निकल सकें जो हमने तय किया है।” India-Russia Relations