विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मौजूदगी में इसकी आधिकारिक घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की है।
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उपराष्ट्रपति चुनाव का मुकाबला साउथ बनाम साउथ तय हो गया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्ष ने सर्वसम्मति से जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर मुहर लगाई है। INDIA
खरगे ने इसे एक वैचारिक लड़ाई करार देते हुए कहा कि रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं, जिन्होंने अपने करियर में सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक न्याय की रक्षा की है। इंडिया गठबंधन का मानना है कि रेड्डी की गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि और संवैधानिक समझ उन्हें इस पद के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाती है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि आम आदमी पार्टी सहित सभी विपक्षी दल रेड्डी के नाम पर सहमत हैं।
जस्टिस सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उनका मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से होगा। यह पहली बार है जब उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं, जिससे यह मुकाबला और भी रोचक हो गया है। INDIA
बी. सुदर्शन रेड्डी का करियर बेहद शानदार रहा है। आंध्र प्रदेश के मूल निवासी रेड्डी ने 1971 में वकालत शुरू की और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में काम किया। 1995 में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का जज बनाया गया, फिर 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। 2007 में वे सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए और 2011 में रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद वे गोवा के पहले लोकायुक्त भी रहे।
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उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को होगा, और यह मुकाबला अब एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन की साख की जंग बन गया है। विपक्ष को उम्मीद है कि रेड्डी की उम्मीदवारी दक्षिण भारत में टीडीपी, वाईएसआरसीपी और बीआरएस जैसी पार्टियों को उनके पक्ष में ला सकती है। हालांकि, इन दलों ने अभी तक एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा की है। INDIA
हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रतीकात्मक उम्मीदवारी है, क्योंकि एनडीए के पास संसद में बहुमत है। मगर यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विपक्ष अपनी एकजुटता और रणनीति के दम पर इस चुनाव में कोई नया समीकरण बना पाता है। INDIA