India UK Trade: ब्रिटिश PM किअर स्टार्मर का कहना है कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नौकरियों और विकास के लिए ‘बड़ी जीत’ है। इससे टैरिफ में कटौती से कपड़े, जूते और खाद्य उत्पादों की कीमतें सस्ती हो जाएंगी। गुरुवार को चेकर्स में पीएम मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता से पहले एक बयान में किअर स्टार्मर ने भी घोषणा की कि लगभग छह अरब पाउंड के नए निवेश और निर्यात विकास को मंजूरी मिल गई है। अब भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में काम कर सकेंगी और ब्रिटिश कंपनियों को भारत में नए व्यावसायिक अवसर मिलेंगे।
दोनों नेता एक नए व्यापक और रणनीतिक साझेदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर करने वाले हैं, जिसके तहत रक्षा, शिक्षा, जलवायु, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। किअर स्टार्मर ने कहा, “भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है।” उन्होंने आगे कहा, “इससे पूरे ब्रिटेन में हजारों नौकरियां पैदा होंगी, व्यवसायों के लिए नए अवसर खुलेंगे और देश के हर कोने में विकास को गति मिलेगी, जिससे हमारी परिवर्तन योजना को साकार किया जा सकेगा।” India UK Trade
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किअर स्टार्मर ने कहा, “हम मेहनती ब्रिटिश लोगों की जेब में ज़्यादा पैसा डाल रहे हैं और परिवारों को जीवनयापन की लागत से निपटने में मदद कर रहे हैं। हम ब्रिटेन में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए और तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए दृढ़ हैं।” ब्रिटेन के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस एंड ट्रेड के अनुसार, “एफटीए लागू होने के बाद ब्रिटिश उत्पादों पर भारत का औसत टैरिफ 15 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत हो जाएगा। इसका मतलब ये होगा कि भारत में सॉफ्ट ड्रिंक, कॉस्मेटिक आइटम से लेकर कारों और चिकित्सा उपकरणों तक अपने उत्पाद बेचने वाली ब्रिटिश कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में बिक्री करना आसान हो जाएगा।” India UK Trade
डीबीटी ने कहा, “व्हिस्की उत्पादकों को टैरिफ में आधी कटौती का लाभ मिलेगा, जिसे तुरंत 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया और फिर अगले 10 सालों में इसे और भी घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया – जिससे ब्रिटेन को भारतीय बाजार तक पहुंचने में अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त मिलेगी।” India UK Trade
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन पहले से ही भारत से 11 अरब पाउंड मूल्य के सामान का आयात करता है। टैरिफ कम होने से उत्पादों की खरीद आसान और सस्ती हो जाएगी। इसका मतलब ये है कि एडवांस मैन्युफैक्चरिंग और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले घटकों और सामग्रियों के आयात में बचत हो सकती है। India UK Trade
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यूनाइटेड किंगडम के हर सेक्टर में एफटीए दावों के साथ प्रकाशित नए विश्लेषण से पता चलता है कि लंबी अवधि में यूके के सकल घरेलू उत्पाद में हर साल अनुमानित 4.8 बिलियन पाउंड की वृद्धि होगी। जिन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, उनमें विनिर्माण क्षेत्र शामिल है, जिसे एयरोस्पेस (11 प्रतिशत घटकर शून्य), ऑटोमोटिव (कोटा के तहत 110 प्रतिशत घटकर 10 प्रतिशत) और विद्युत मशीनरी (22 प्रतिशत से घटकर) पर टैरिफ में कटौती का लाभ मिलने की उम्मीद है। India UK Trade
डीबीटी ने कहा, “द्विपक्षीय व्यापार से नियामक बाधाओं में कमी के साथ टैरिफ में कटौती से लंबी अवधि में भारत को यूके के निर्यात में लगभग 60 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है – जो कि 2040 में भविष्य के व्यापार के अनुमानों पर लागू होने पर भारत को यूके के अतिरिक्त 15.7 बिलियन पाउंड के निर्यात के बराबर है।” India UK Trade
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लंबी अवधि में द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो किसी समझौते के अभाव में 2040 के अनुमानित व्यापार स्तर की तुलना में प्रति वर्ष 25.5 बिलियन पाउंड के बराबर है। भारत के विशाल खरीद बाज़ार में स्वच्छ ऊर्जा उद्योग की पहुंच बढ़ेगी, क्योंकि देश नवीकरणीय ऊर्जा की ओर रुख कर रहा है और ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ रही है। इस बीच, 26 ब्रिटिश कंपनियों ने भारत में नया कारोबार हासिल किया है, जिनमें एयरबस और रोल्स-रॉयस जल्द ही एयरबस विमानों की आपूर्ति शुरू करने वाली हैं – जिनमें से आधे से ज्यादा रोल्स-रॉयस इंजन से संचालित होंगे। India UK Trade
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