(दिवाँशी)- ISRO BREAKING- गगनयान का पहला अब़ॉर्ट मिशन अगस्त के अंत तक आयोजित किया जाएगा, ये जानकारी भारतीय अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष एस. सोमनाथ द्वारा दी गई। उन्होनें ये भी बताया कि गगनयान के लिए, सबसे पहली और जरूरी बात अब़ॉर्ट मिशन को पूरा करना है। इसके लिए हमने श्री हरिकोटा में नया रॅाकेट बनाया है। क्रू मॅाडयूल और क्रू एस्केप की असेंबली को तैयार किया जा रहा है। साथ ही उन्होनें ये भी बताया कि पहले अब़ॉर्ट मिशन के बाद दूसरे मिशन पर काम करेंगे। इस मिशन की प्रमुख चुनौतियों का जिक्र करते हुए इसरो प्रमुख ने कहा कि इसमें चालक के सदस्यों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण पहलू था। चूंकि, गगनयान मिशन में मानव भी हिस्सा लेंगे , इसलिए चालक दल की सुरक्षा सबसे जरूरी हो जाती है।
इसरो की अब तक की कुछ खास उपलब्धियाँ, जानिए…
चंद्रयानः चंद्रयान चंद्रमा पर भेजे जाने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान है। यह यान पोलर सैटेलाइट लॅान्च वीहकल के एक परिवर्तित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। इससे पहले ऐसा सिर्फ छह देश ही कर पाए थे।
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मंगलयानः भारत का प्रथम मंगल अभियान था। इसे 5 नवम्बर 2013 को मंगल ग्रह की परिक्रमा हेतु छोडा गया था। इसके साथ ही भारत भी अब उन देशों में शामिल हो गया जिन्होनें मंगल पर अपने यान भेजे है।
जीएसलवी मार्क 2:जीएसलवी मार्क 2 की कामयाब लॅान्चिंग भारत के लिए बडी कामयाबी थी। क्योंकि भारत ने अपने ही देश में बनाया क्रोयोजोनिक इंजन लगाया था। इसके बाद भारत को सैटेलाइट लॅान्च करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना पडा।