Bastar News: बस्तर संभाग में माओवादियों के खिलाफ चल रही प्रभावी कार्यवाही के चलते, माओवादी संगठन में आंतरिक कलह और विश्वासघात की स्थिति बन गई है। वर्ष 2024 में लगातार हो रही क्षति के कारण माओवादी संगठन में बौखलाहट और विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माओवादी आतंक को समाप्त करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए हैं। उनके नेतृत्व में बस्तर संभाग में माओवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई है, जिससे 153 से अधिक माओवादियों के शव विभिन्न मुठभेड़ों के बाद बरामद हुए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, सुरक्षा बलों ने बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ एक सख्त अभियान चलाया है, जिसने नक्सलवाद को कुचलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, सुन्दरराज पी. ने बताया कि माओवादी संगठन द्वारा एक रणनीति के तहत स्थानीय माओवादी कैडर को मानव सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल करते हुए बाहरी राज्य के कैडर अपनी जान बचाकर भाग जाते हैं। हालांकि, हाल की मुठभेड़ों में इस रणनीति की विफलता स्पष्ट हो रही है। सूत्रों के अनुसार, तेलंगाना, उड़ीसा, महाराष्ट्र, और अन्य प्रांतों के सीनियर कैडर्स की स्थिति को देखते हुए माओवादी संगठन में खलबली मच गई है। बाहरी कैडर्स ने स्थानीय कैडर्स पर संदेह करते हुए उन्हें प्रताड़ित किया है, जिससे माओवादी संगठन में आंतरिक विश्वासघात और विद्रोह की स्थिति उत्पन्न हुई है।
6 सितंबर 2024 को, कांकेर जिले के मलमपेंटा जंगल में राजनांदगांव-कांकेर डिवीजन के ACM विज्जा मड़काम की हत्या कर दी गई। विजय रेड्डी और उनके सहयोगियों द्वारा इस हत्या को संगठन के साथ गद्दारी करने के आरोप में अंजाम दिया गया।
माओवादी संगठन, अपनी आंतरिक कलह को छिपाने के लिए झूठे प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रहा है, जिसमें मारे गए नक्सलियों को पुलिस मुखबिर या क्रांतिकारी विरोधी बताया जा रहा है। पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने बताया कि बस्तर संभाग में माओवादी संगठन को भारी क्षति उठानी पड़ी है, और यह संगठन अब दिशा-विहीन और नेतृत्वहीन हो चुका है। बाहरी माओवादी कैडर स्थानीय कैडर्स का केवल एक सुरक्षा कवच के रूप में उपयोग कर रहे थे, और अब स्थानीय कैडर इस स्थिति को समझते हुए विद्रोही रुख अपना रहे हैं।
इस स्थिति को देखते हुए, पुलिस महानिरीक्षक ने स्थानीय माओवादियों से हिंसा छोड़कर शासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अपील की है। बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और विकास के लिए यह आवश्यक है कि माओवादी कैडर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और विकास की प्रक्रिया में योगदान करें।