International News: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज नीदरलैंड पहुंच गए हैं, यहां से विदेश मंत्री डेनमार्क और जर्मनी की यात्रा पर जाएंगे। यह छह दिवसीय यात्रा भारत की कूटनीतिक रणनीति और यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 19 से 24 मई 2025 तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर हैं। आज नीदरलैंड की राजधानी हेग में उन्होंने रणनीतिक विशेषज्ञों से मुलाकात की और भारत-नीदरलैंड तथा भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को गहरा करने पर चर्चा की। इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार, प्रौद्योगिकी, और भारत-प्रशांत क्षेत्र जैसे प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व और अपने समकक्षों से मिलेंगे, जिसमें जर्मनी के नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ के साथ मुलाकात भी शामिल है।
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विदेश मंत्री की यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली विदेश यात्रा है, जिसके तहत भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूती से लागू किया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी ने भारत के प्रति एकजुटता दिखाई थी। तीनो देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जताई थी। जयशंकर अपनी बैठकों में सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान के निरंतर समर्थन के मुद्दे को भी उठाएंगे। अपने यूरोप दौरे के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर महत्वपूर्ण बैठको में हिस्सा लेंगे।डेनमार्क के साथ ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और जर्मनी के साथ रक्षा व शिक्षा क्षेत्र में सहयोग इस यात्रा के प्रमुख एजेंडे में शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा भारत की वैश्विक कूटनीति को और सशक्त करेगा। विदेश मंत्री जयशंकर की इस यात्रा पर नीति निर्माताओं और कारोबारी जगत की नजरें टिकी हैं। यह दौरा न केवल भारत के यूरोपीय देशों के साथ संबंधों को मजबूत करेगा,बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीति को भी मजबूत करेगा।