जयदीप अहलावत बोले: ‘पाताल लोक की कहानी ने 30 सेकंड में ही मुझे झकझोर दिया’

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Jaideep Ahlawat : अभिनेता जयदीप अहलावत ने शुक्रवार को कहा कि जब उन्होंने पहली बार पाताल लोक की कहानी पढ़ी, तो 30 सेकंड के अंदर उनके मन में दो विचार आए- एक सकारात्मक और दूसरा भयावह। उन्होंने कहा कि भयावह ने उनमें “डर” पैदा किया, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वो किरदार को बखूबी नहीं निभा पाए, तो किसी फिल्म निर्माता को उन्हें दोबारा ऐसा किरदार देने में एक दशक और लग सकता है।Jaideep Ahlawat Jaideep Ahlawat

मुंबई में फिल्मफेयर ओटीटी अवार्ड्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए अहलावत ने अपने बेहद पसंद किए गए किरदार हाथीराम चौधरी की यादें ताजा कीं, जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। सुदीप शर्मा द्वारा निर्मित, प्राइम वीडियो सीरीज के पहले सीजन में अहलावत ने एक ऐसे दिल्ली पुलिस के अधिकारी की भूमिका निभाई थी, जो अपने जीवन का सबसे यादगार मामला तब देखता है जब एक प्राइम-टाइम पत्रकार की हत्या के प्रयास के आरोप में चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाता है।Jaideep Ahlawat

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अहलावत ने पत्रकारों को बताया कि उस सीरीज की मेरी बहुत सारी अच्छी यादें हैं। जब मैंने इसे पढ़ा, तो 30 सेकंड में मेरे मन में दो विचार कौंधे। एक तो यह कि जिस तरह से इसे लिखा गया है- कहानी जिस तरह आगे बढ़ी है- मेरे करियर में आखिरकार कुछ अच्छा होने वाला है। यह अद्भुत ढंग से लिखा गया था। एक सेकंड बाद, मेरे मन में एक और विचार आया, अगर मैं इस किरदार को नहीं निभा पाया, तो सुदीप शर्मा जैसे किसी व्यक्ति को नौ या दस एपिसोड की सीरीज के लिए मुझ पर दोबारा भरोसा दिखाने में 10 साल लग जाएंगे। इस बात ने मुझमें सचमुच सिहरन पैदा कर दी।”

उन्होंने आगे कहा कि जब भी काम मिलता था, तो लगता था कि इस बार कुछ होगा, लेकिन ये दूरी बढ़ती ही गई। अपने करियर की शुरुआत में मैंने दिग्गज फिल्म निर्माता प्रियदर्शन के साथ दो फिल्में कीं। बाद में मैंने अनुराग कश्यप सर, कमल हासन और विपुल शाह के साथ काम किया। मैं बेहतरीन निर्देशकों और लेखकों के साथ काम कर रहा था, लेकिन हमेशा ऐसा लगता था कि ये हो रहा है और फिर नहीं हो रहा। राजी के बाद चीजें बदल गईं, इसने मुझे काफी स्वीकार्यता दिलाई। लेकिन जिस मुकाम पर मुझे सचमुच लगा कि मैं पहुंच गया हूं,

स्वीकृति बहुत बड़ी थी। पहले दिन, मैंने सभी से कहा, ‘अगर हम वही करें जो सुदीप शर्मा ने कागज पर लिखा है, तो हमें बहुत प्यार मिलेगा।’ और ठीक वैसा ही हुआ।अपने नए स्टारडम के बाद अहलावत कई फिल्मों और सीरीज में दिखाई दिए, जिनमें थ्री ऑफ अस, अजीब दास्तां, द ब्रोकन न्यूज, एन एक्शन हीरो और द फैमिली मैन 3 शामिल हैं। उनका मानना ​​है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने अभिनेताओं को फिल्म सितारों के समान दर्जा दिया है।Jaideep Ahlawat

उन्होंने कहा कि इस प्रारूप ने कहानी कहने की सोच बदल दी है। आपको अपनी कहानी को किसी खास ढांचे तक सीमित रखने की जरूरत नहीं है। ये बदलाव हम तक पहुंचा, नए आयाम खोले और हमें बेहतर अवसर दिए। पहले माना जाता था कि केवल दो-तीन घंटे की फिल्म का अभिनेता ही उस दायरे को संभाल सकता है। लेकिन अब, हम आठ घंटे की कहानी भी निभा सकते हैं।इस कार्यक्रम में मौजूद अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ​​ने भी अहलावत की भावनाओं को दोहराते हुए कहा कि ओटीटी ने उनके जैसे कलाकारों के लिए रचनात्मक पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार किया है।Jaideep Ahlawat

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उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे लिए यह पारिस्थितिकी तंत्र विस्तृत हुआ है। रचनाकारों के रूप में हमें अपनी बनाई सामग्री के साथ प्रयोग करने की आजादी है। मेरी पहली ओटीटी रिलीज ‘पगलैट’ थी और इसने मेरे करियर की दिशा बदल दी। उद्योग ने मुझे अलग नजरिए से देखना शुरू किया और मैंने उस बदलाव को महसूस किया। इसने निश्चित रूप से अच्छे तरीके से अवसरों का विस्तार किया है।Jaideep Ahlawat

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