Jammu and Kashmir: जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) की मौत हो गयी, लेकिन आतंकियों की भारत में घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी गई। अधिकारियों ने शनिवार को ये जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि माना जा रहा है कि केरी भट्टल इलाके में भीषण गोलीबारी के बाद आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में वापस चले गए।
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सेना ने बताया कि शहीद अधिकारी 9-पंजाब के सूबेदार कुलदीप चंद हिमाचल प्रदेश के निवासी थे। जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने ‘एक्स’ पर कहा, “ व्हाइट नाइट कोर के जीओसी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पी के मिश्रा) और सभी स्तर के अधिकारियों ने 9 पंजाब के बहादुर सूबेदार कुलदीप चंद के सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया।उन्होंने 11 अप्रैल 2025 की रात को सुंदरबनी के केरी भट्टल इलाके में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ-रोधी अभियान का बहादुरी से नेतृत्व करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।”पोस्ट में कहा गया है, “उनकी टीम की वीरता और कुलदीप के सर्वोच्च बलिदान ने आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। हम इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ एकजुटता से खड़े हैं।”
अधिकारियों के मुताबिक, सतर्क जवानों ने शुक्रवार देर रात केरी भट्टल इलाके में अग्रिम वन क्षेत्र में एक नाले के पास भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह को देखा और उन्हें चुनौती दी, जिसके बाद भीषण गोलीबारी हुई जो काफी देर तक जारी रही। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में सूबेदार कुलदीप चंद घायल हो गए और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है तथा अंतिम रिपोर्ट मिलने तक तलाश अभियान जारी था। इसी क्षेत्र में 11 फरवरी को आतंकवादियों द्वारा किए गए एक विस्फोट में एक कैप्टन सहित दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे और एक अन्य घायल हो गया था। यह ताजा घटना भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग के दो दिन बाद हुई है।
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सीमा पार से गोलीबारी की लगभग एक दर्जन घटनाओं और एक आईईडी हमले के बाद तनाव कम करने के प्रयास में यह फरवरी के बाद से दूसरी ऐसी बैठक थी।भारतीय सेना ने सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों और संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर अपने पाकिस्तानी समकक्षों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।भारत और पाकिस्तान द्वारा 25 फरवरी 2021 को संघर्ष विराम समझौते को नवीनीकृत करने के बाद से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन दुर्लभ हो गया है।सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की पांच अप्रैल को यहां आर एस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी घुसपैठिए की गोलीबारी में मौत हो गई थी जिसके बाद में इस घटना को लेकर रेंजर्स के साथ फ्लैग बैठक की गई ।