Kailash Mansarovar Yatra: पांच साल के लंबे इंतजार के बाद नाथुला दर्रे के रास्ते से पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा इस जून में फिर से शुरू होने वाली है। इससे तीर्थयात्रियों में आध्यात्मिक उत्साह जगने की उम्मीद है।डोकलाम विवाद और कोरना की वजह से बंद किए गए इस मार्ग को और विकसित करके नए सिरे से खोला जा रहा है । दो ज्यादा ऊंचाई वाले अनुकूलन केंद्रों पर काम तकरीबन पूरा होने को है। एक केंद्र 10,000 फीट पर और दूसरा कुपुप रोड पर हंगू झील के पास 14,000 फीट पर बनाया जा रहा है।दोनों केंद्रों में चुनौतीपूर्ण इलाके में तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए रहने की सुविधा, चिकित्सा सुविधा, रसोई और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
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स्थानीय लोगों ने इस मार्ग को फिर से खोलने का स्वागत किया है। लोगों ने उम्मीद जताई है कि इससे पर्यटन और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।नाथुला मार्ग शांत और अच्छे सड़क संपर्क के लिए मशहूर है। तीर्थयात्रियों के लिए सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है। न केवल एक आध्यात्मिक यात्रा प्रदान करता है, बल्कि सिक्किम की अर्थव्यवस्था को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा देता है।
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थिनले शेरिंग भूटिया, विधायक, काबिलुंगचोक: मैं अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूँ क्योंकि मानसरोवर यात्रा सबसे पहले यहीं से शुरू होने जा रही है। पहले नेपाल से होकर जाने वाला रास्ता उपयुक्त या सुविधाजनक नहीं था, लेकिन सिक्किम बहुत शांति है और यहाँ कोई आतंकवाद नहीं है। सीमा के करीब होने के बावजूद भी यहां बहुत शांति है। इसलिए मैं अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
इंद्र कुमार, स्थानीय: सबसे पहले मैं सिक्किम को फिर से यह अवसर देने के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। मैं 2016 में कैलाश मानसरोवर गया था। तीर्थयात्रियों के लिए यह सबसे सुरक्षित मार्ग है और सड़क संपर्क भी अच्छा है। यहाँ से यह नज़दीक भी है। सिक्किम सरकार पूरी तरह से तैयारियों में लगी हुई है। पहले यहाँ यात्री निवास के लिए सिर्फ़ दो जगहें उपलब्ध थीं। अब हंगुल झील पर भी अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो गया है। तो यह हमारे राज्य सिक्किम के लिए फ़ायदेमंद होगा क्योंकि जब तीर्थयात्री फिर से यहाँ से यात्रा करना शुरू करेंगे तो इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और विकास को बढ़ावा मिलेगा।”