छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ ने बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरण, मुआवजा, पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने, महिलाओं को स्वरोजगार, पुनर्वास गांव में बसे भूविस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने आदि मांगों को लेकर किसान सभा के नेतृत्व में भू विस्थापितों ने एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। Chhattisagrh Farmer,
भूख हड़ताल में किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव,सचिव दामोदर श्याम,दीनानाथ,रघु यादव,सुमेंद्र सिंह ठकराल 6 लोग बैठे है हड़ताल के समर्थन में सैकड़ों भू विस्थापित आंदोलन में शामिल हैं। जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भूविस्थापितों ने किसान सभा के नेतृत्व में अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। किसान सभा नेता ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी।
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बहरहाल हडताल के 9 घंटे बाद रात 8 बजे कटघोरा और दीपका तहसीलदार के.के.लहरे और एसईसीएल कुसमुंडा के डिप्टी जीएम आर के बधावन ने कहा कि बिलासपुर में लंबित रोजगार प्रकरण का 15 दिनों में निराकरण कर रोजगार दिया जाएगा,एवं सत्यापन जल्द कराने तथा जिनकी फाइल कुसमुंडा में है उन्हें रोजगार के लिए 10 दिनों मे बिलासपुर भेजने का आश्वासन दिया जिसके बाद तहसीलदार ने भूख हड़ताल में बैठे आंदोलनकारियों को जूस पिलाकर आंदोलन को समाप्त कराया। किसान सभा के नेता प्रशांत झा ने कहा कि 17 नवंबर से पहले भू विस्थापितों की समस्याओं का निराकरण होता नहीं दिखेगा तो 17 नवंबर को खदान में महाबंद आंदोलन होगा।