Advocate Mukul Rohatgi on Adani: वकील मुकुल रोहतगी ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी अभियोग में अडाणी के खिलाफ पांच आरोप लगे हैं। लेकिन उनमें से किसी में भी गौतम अडाणी या उनके भतीजे सागर अडाणी का नाम नहीं है।रोहतगी ने कहा, “ये स्पष्ट है कि पांच आरोप हैं। ये जानना बहुत जरूरी है कि पहला सवाल और पांचवां बाकियों की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। लेकिन उनमें से किसी में भी अडाणी या उनके भतीजे पर आरोप नहीं लगाया गया है। ये ( अमेरिकी अभियोग) एक चार्जशीट की तरह है, जो व्यक्तियों के एक समूह पर खास काम करने के लिए आरोप लगाता है।”
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इस बीच अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन ने बुधवार को रिश्वतखोरी के आरोपों को खारिज कर दिया।अडाणी ग्रीन एनर्जी ने बुधवार को कहा कि उद्योगपति गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है।पोर्ट-टू-एनर्जी समूह के संस्थापक अध्यक्ष गौतम अडाणी, भतीजे सागर अडाणी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
अभियोग में कहा गया है कि अडाणी ग्रुप ने सौर बिजली की आपूर्ति से जु़ड़े प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमरीकी डालर की रिश्वत दी। इस प्रोजेक्ट से 20 साल में दो अरब अमेरिकी डॉलर का फायदा होगा।रिश्वतखोरी के आरोपों में घिरी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि वो खबरें गलत हैं जिनमें दावा किया गया है कि इन तीनों पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
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कंपनी ने कहा कि उन पर ऐसे अपराधों का आरोप लगाया गया है जिनके लिए आर्थिक जुर्माना या दंड का प्रावधान है।कंपनी ने कहा है कि इन निदेशकों पर आपराधिक अभियोग में तीन मामलों में आरोप लगाए गए हैं। पहला सिक्योरिटीज फ्रॉड की साजिश रचना, दूसरा वायर धोखाधड़ी की साजिश, और तीसरा सिक्योरिटीज फ्रॉड का आरोप है।हालांकि अडाणी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया है। कंपनी ने कहा है कि वो अपने बचाव के लिए हर संभव कानूनी विकल्प अपनाएगी।
