Amit Shah: केंद्र सरकार त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच हुआ त्रिपक्षीय समझौता, गृहमंत्री शाह ने कही ये बात

Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा और अन्य स्टेकहोल्डर्स के बीच आज नई दिल्ली में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि नॉर्थ-ईस्ट की शांति और समृद्धि के लिए मोदी सरकार ने पिछले 5 सालों में 11 बड़े और ऐतिहासिक समझौते किए हैं।

Amit Shah ने कहा आज त्रिपुरा के लिए एक ऐतिहासिक दिन

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच आज नई दिल्ली में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए है। इस अवसर पर अपने संबोधन में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज त्रिपुरा के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।

गृहमंत्री Amit Shah ने कहा कि इतिहास को कोई बदल नहीं सकता लेकिन गलतियों से सीखकर आज की वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर हम आगे ज़रुर बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि टिपरा मोथा और सभी जनजातीय पार्टियों ने इस दिशा में बहुत कंस्ट्रक्टिव भूमिका निभाई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि त्रिपुरा सरकार ने इसके लिए शुरू से बहुत प्रय़ास किए हैं। गृहमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के स्वप्न में त्रिपुरा भी अपने योगदान और हिस्से के प्रति कटिबद्ध होगा और एक विकसित त्रिपुरा के रूप में आगे बढ़ेगा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने उग्रवादमुक्त, विवादमुक्त और हिंसामुक्त नॉर्थईस्ट की कल्पना को साकार करने का प्रयास किया है। लगभग 10 हज़ार लोग हथियार छोड़कर मेनस्ट्रीम में आए हैं और इसी के कारण आज नॉर्थईस्ट में विकास का माहौल बना है।

गृहमंत्री Amit Shah ने कहा कि चाहे ब्रू-रियांग समझौता हो या सीमाओं का समझौता हो, इनकी शुरूआत त्रिपुरा से ही हुई थी और अब ये समझौता भी त्रिपुरा का ही हो रहा है। 2019 में एनएलएफटी (एसडी), 2020 में ब्रू और बोडो समझौते, 2021 में कार्बी-आंगलोंग, 2022 में आदिवासी समझौता और अमस –मेघालय सीमा समझौता, 2023 में असम अरुणाचल सीमा समझौता, दिमासा समझौता, यूएनएलएफ और उल्फा समझौता हुआ।

गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कुल 11 अलग-अलग समझौतों के माध्यम से सीमाओं, पहचान, भाषा, संस्कृति के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के साथ बात कर संघर्ष समाप्त करने की दिशा में काम किया है। गृहमंत्री शाह ने कहा कि इस समझौते के साथ ही आज त्रिपुरा एक विवादमुक्त त्रिपुरा की ओर आगे बढ़ा है। आपके अधिकारों के लिए अब आपको संघर्ष, नहीं करना पड़ेगा और भारत सरकार दो कदम आगे बढ़कर सभी के अधिकारों की रक्षा हो, इस प्रकार का तंत्र विकसित करेगी।

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समझौते के तहत त्रिपुरा के मूल निवासियों के इतिहास, भूमि और राजनीतिक अधिकारों, आर्थिक विकास, पहचान, संस्कृति और भाषा से संबंधित सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही सम्माननीय समाधान सुनिश्चित करने के लिए, समझौते के तहत इन मुद्दों से संबंधित पारस्परिक सहमति वाले बिंदुओं पर निर्धारित समय सीमा में अमल के लिए एक संयुक्त कार्य समूह/समिति के गठन पर भी सहमति बनी है। समझौते पर अमल के लिए सहायक माहौल बनाए रखने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स के बीच समझौता लागू होने के दिन से किसी भी प्रकार के विरोध/आंदोलन का सहारा नहीं लेने पर भी सहमति बनी है।

TIPRA की ओर से इसके संस्थापक प्रद्योत देबबर्मा और अन्य ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। टिपरा मोथा पार्टी के सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने टिपरासा लोगों की समस्या के संवैधानिक समाधान के लिए इस समझौते को बड़ी जीत बताया है। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा, मुख्यमंत्री, त्रिपुरा और केन्द्रीय गृह मंत्रालय, भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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