Unified Pension Scheme: लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने रविवार को सरकारी कर्मचारियों को तय पेंशन पर शनिवार को घोषित केंद्र के फैसले की आलोचना की। उन्होंने इसे बीजेपी की अगुवाई वाले केंद्र सरकार की ‘शरारत को छिपाने’ और ‘कॉर्पोरेटों को लाभ पहुंचाने की’ चाल बताया।यादव ने कहा, “पुराना पेंशन का जो लिए हैं, यूनिफाइड बिल क्या है पूछे हैं। कितना काम करेगा, जितना काम करेगा, पुराना पेंशन कुछ और है।
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पेंशन का कोई औचित्य नहीं है- पुराने पेंशन पर न सवाल है भाई। अच्छा ये पुराने कर्माचारी से लेकर सबका सवाल है।यूनिफाइड पेंशन तो समझिए कि इस सरकार का मतलब सबसे बकवास निर्णय है। यह कर्मचारी को मजदूर बनाने वाला निर्णय है। मतलब ये सारे बैमानी-शैतानी को ढकने के लिए आपने हर मुद्दे में कॉर्पोरेटों को बेनिफिट औऱ कॉर्पोरेटों का लाना। ये कर्मचारी के लिए कोई यूनिफाई पेंशन नहीं है।
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ये कर्मचारी को मजदूर बनाने वाला निर्णय है- इस पेंशन का कोई औचित्य नहीं है।यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे।इसके लिए पूर्ण पेंशन या वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में पात्रता सेवा अवधि 25 साल की होगी।
पुराना पेंशन कुछ और है- पुराना पेंशन का जो लिए हैं, यूनिफाइड बिल क्या है पूछे हैं। कितना काम करेगा, जितना काम करेगा, पुराना पेंशन कुछ और है। पुराने पेंशन पर न सवाल है भाई। अच्छा ये पुराने कर्माचारी से लेकर सबका सवाल है।यूनिफाइड पेंशन तो समझिए कि इस सरकार का मतलब सबसे बकवास निर्णय है। यह कर्मचारी को मजदूर बनाने वाला निर्णय है।
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