( प्रदीप कुमार ), दिल्ली- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज दिल्ली में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा “उच्च शिक्षा प्रणाली की रूटिंग और रोलिंग: एनईपी 2020 का एक राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश की लोकतांत्रिक शासन संरचना का जिक्र करते हुए कहा कि 75 वर्षों की यात्रा में देश ने औद्योगिक उत्पादन, अंतरिक्ष, कृषि, परमाणु, ऊर्जा और ऐसे कई क्षेत्रों में बड़ी प्रगति की है। उन्होंने आगे कहा कि देश मोबाईल फोन से लेकर फाइटर प्लेन तक बना रहा है और आत्म निर्भरता के युग में प्रवेश कर चुका है।
देश के तीव्र विकास का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का अगले 25 वर्षों का विजन भारत को विकसित, समृद्ध और सम्पन्न राष्ट्र बनाना है। उन्होंने आगे कहा कि इन उपलब्धियों ने भारत को दुनिया में एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है।
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ओम बिरला ने ज़ोर देकर कहा कि आर्थिक सामरिक महाशक्ति बनने का यह लक्ष्य मात्र प्राकृतिक संसाधनों से हासिल नहीं किया जा सकता, बल्कि इसमें मानव संसाधनों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में विश्व में वही देश आगे बढ़ रहे हैं मानव संसाधन में निवेश कर रहे हैं। बिरला ने बताया कि समतामूलक समाज निर्माण और राष्ट्रीय विकास का मूलाधार शिक्षा ही है। उन्होंने देश की युवा शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि सार्वभौमिक और उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही भारत के उज्ज्वल भविष्य को तय करेगी।
लोकसभा अध्यक्ष ने नई शिक्षा नीति के विषय कहा कि इस नीति में समाहित तत्व युवाओं को विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में सर्वश्रेष्ठ सहभागिता निभाने को प्रेरित करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन में होने वाला मंथन नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं को सार्वभौमिक और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करने की राह दिखाएगा।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मूल मंत्र – राष्ट्र के हित में शिक्षा – शिक्षा के हित में शिक्षक – शिक्षक के हित में समाज की सराहना करते हुए ओम बिरला ने कहा कि यह मूलमंत्र महासंघ के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। बिरला ने संघ की गतिविधियों में महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी की भी सराहना की।