कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव भी पेश हुआ। इसके बाद वोटिंग हुई। हालांकि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में वोटिंग होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया।
चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने महुआ मोइत्रा को एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का मौका मिला था।
500 पेज की रिपोर्ट 12 बजे पेश हुई, 3 बार सदन की कार्यवाही रुकी
इससे पहले शुक्रवार (8 दिसंबर) को लोकसभा में पेश की गई एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई थी। हालांकि TMC ने मांग की थी कि 500 पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए 48 घंटों का समय दिया जाए।
सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, चार मिनट बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की। लोकसभा में इसपर सदन में 3 बार हंगामा हुआ। दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे से तीसरी बार महुआ के निष्कासन पर वोटिंग हुई।
सदन में क्या-क्या हुआ
लोकसभा स्पीकर ने रिपोर्ट पर चर्चा के लिए आधे घंटे दिए
ओम बिड़ला ने कहा रूल 316 के तहत आधे घंटे की चर्चा दिए थे। इसके बाद विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इसे पढ़ने 3 दिन का समय मांगा था।
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विपक्ष ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए
TMC सांसदों की अगुआई में विपक्ष ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए थे। विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। उधर सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे इंसाफ का मजाक उड़ाना बताया था।
थरूर बोले- ये रिपोर्ट आधी-अधूरी है
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है ढाई मिनट में किसी ने तैयार कर दी हो। आरोप लगाने वालों से जिरह करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सीधे संसद सदस्य के सस्पेंशन पर पहुंचना वास्तव में अपमानजनक है।