“1MDB महाघोटाला में मलेशिया के पूर्व PM दोषी”, नजीब रजाक को 15 साल की जेल

Malaysia: "Former Malaysian PM convicted in 1MDB scandal", Najib Razak sentenced to 15 years in prison

Malaysia: जेल में बंद मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को 1एमडीबी (वन मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद) सरकारी निवेश कोष से अरबों डॉलर की लूट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के बाद शुक्रवार 26 दिसंबर को दोषी ठहराया गया। देश के उच्च न्यायालय ने 72 साल के नजीब को सत्ता के दुरुपयोग के तीन मामलों में दोषी पाया। शुक्रवार दोपहर तक बाकी आरोपों पर सुनवाई जारी थी।

अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 1एमडीबी कोष से 70 करोड़ डॉलर से अधिक की रकम अपने निजी बैंक खातों में अंतरित की। नजीब 2009 से 2018 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। वर्तमान में वे 1एमडीबी घोटाले से जुड़े एक पुराने मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सजा काट रहे हैं। इस घोटाले के उजागर होने के कारण 2018 में उनकी सरकार को हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें 2020 में सत्ता के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात और धन शोधन के आरोप में 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, जिसमें 1एमडीबी की पूर्व इकाई एसआरसी इंटरनेशनल से उनके खातों में 4.2 करोड़ रिंगिट (1.03 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की राशि अंतरित की गई थी।

अंतिम अपील खारिज होने के बाद अगस्त 2022 में उनकी सजा शुरू हुई और वे जेल जाने वाले मलेशिया के पहले पूर्व प्रधानमंत्री बन गए। शासकों को क्षमादान देने के संबंध में सलाह देने वाली संस्था क्षमादान बोर्ड ने 2024 में उनकी सजा आधी कर दी और जुर्माने में भारी कटौती की। नजीब ने 2009 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद 1एमडीबी विकास कोष की स्थापना की। प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 1एमडीबी के सलाहकार बोर्ड की अध्यक्षता की थी और वित्त मंत्री के रूप में उनके पास ‘वीटो’ का अधिकार था।

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भ्रष्टाचार के इस मामले का असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा और इसके चलते अमेरिका और बाकी देशों में जांच शुरू हो गई। अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अनुसार, 2009 और 2014 के बीच नजीब के शीर्ष अधिकारियों और सहयोगियों ने कोष से 4.5 अरब डॉलर से अधिक की रकम लूटी और अमेरिका, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड समेत कई देशों के माध्यम से इसे धन शोधन के जरिए वैध बनाया।

अधिकारियों ने आरोप लगाया कि इन पैसों का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्मों के वित्तपोषण और होटलों, एक आलीशान नौका, कलाकृतियों और आभूषणों समेत फिजूलखर्ची वाली खरीदारी के लिए किया गया था। तत्कालीन अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने इसे ‘‘भ्रष्टाचार का सबसे बुरा रूप’’ बताया था।

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