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बेरोजगारी बनी हुई है कांगड़ा वासियों के लिए सबसे बड़ी चिंता..
छात्र-छात्राओं का आरोप है कि आज तक किसी भी सरकार ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुद्दे को हल करने के लिए कोई खास काम नहीं किया है।कांगड़ा के लोगों के लिए बेरोजगारी भी चिंता का सबब रही है।वोटरों का आरोप है कि इलाके में नौकरी के मौकों की कमी की वजह से लोगों ने अपने गांवों को छोड़ दिया है, जिससे पलायन की समस्या पैदा हो रही है।कुछ लोगों को लगता है कि कुदरती खूबसूरती और कई तीर्थ स्थल होने की वजह से कांगड़ा में टूरिज्म इंडस्ट्री को बेहतर बनाने की संभावनाएं मौजूद हैं।हालांकि कई लोगों का मानना है कि कांगड़ा के टूरिज्म सेक्टर की ओर अब तक किसी भी सरकार ने तवज्जो नहीं दी है।कांगड़ा के लोगों का मानना है कि परिवहन से जुड़ी मुश्किलों पर ध्यान देने से इलाके में टूरिज्म को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।कांगड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी और कांग्रेस ने अब तक अपने-अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है।राज्य के चार निर्वाचन क्षेत्रों कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला में एक ही चरण में एक जून को वोटिंग होनी है।
कांगड़ा के लोगों ने Lok Sabha चुनाव में की ये मांग…
लोकसभा चुनाव से पहले कांगड़ा के स्थानीय लोगों ने अपनी सम्सयाओं के बारे में बताते हुए कहते है कि हिमाचल प्रदेश या धर्मशाला, चंबा, कांगड़ा जो है, ये बहुत ऊंचाइयों पर होता और यहां आमदनी के सोर्सेस(sources of income) निकले होते हैं और टूरिज्म के अलावा यहां पर फैक्ट्रीज कोई नहीं है, इंडस्ट्रीज कोई नहीं है। अगर यहां पर इंडस्ट्रीज लाई जाएं, तो पब्लिक भी आएगी, व्यापार भी बढ़ेगा लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।