(प्रदीप कुमार): संसद में इन दिनों भारत-चीन झड़प मामले को लेकर काफी हंगामा हो रहा है। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि तवांग मामले में विपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। तवांग में चीन की सेना के साथ भारतीय सेना की झड़प का मुद्दा संसद में गरमाया हुआ है। विपक्ष के नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमलोगों को इस मुद्दे पर बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा।
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे एक स्पष्टीकरण देना जरूरी पड़ रहा है। खड़गे ने कहा कि वह सदन में एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाना चाह रहे थे। आप जानते हैं कि बीते कुछ दिनों से अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ जैसे बहुत गंभीर मुद्दों को हमारे सांसद उठा रहे हैं। हमारी सेना बहादुरी के साथ स्थिति का मुकाबला कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ ये बेहद गंभीर मुद्दा है और पूरे देश-दुनिया की निगाहें इस पर लगी हुई है।
सदन में विपक्ष के नेता होने के नेता इस मुद्दे पर सांसदों की भावना के साथ खड़ा होना और तत्काल कदम उठाने की मांग करना ये मेरी जिम्मेदारी बनती है। किसी कारण 14 दिसंबर 2022 को मैंने सदन में इस मसले पर हस्तक्षेप किया। जब डेप्युटी चेयरमैन ने कहा कि मैं इस मसले को इसलिए नहीं उठा सकता क्योंकि मैं इस बार में मैं कोई नोटिस नहीं दिया है। मीडिया के कुछ हिस्से में ऐसी रिपोर्टिंग हुई है कि जैसे मुझे नोटिस नहीं देने के कारण रोका गया है। असलियत हकीकत से दूर है, इससे मुझे तकलीफ भी पहुंची है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि तवांग मामले में विपक्ष को बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री संसद में आकर जवाब दें। इससे पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत-चीन सीमा तनाव के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। मनीष तिवारी ने कहा कि संसद में तवांग झड़प मामले में बात होना जरूरी है। मनीष तिवारी ने कहा कि देश की जनता को भारत-चीन बॉर्डर की स्थिति जानने का अधिकार है। रक्षामंत्री ने इस पर विस्तार से चर्चा नहीं की है।
वही कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चीन के साथ सीमा स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया। सुरजेवाला ने सभापति से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और सरकार से बयान देने के लिए कहने की मांग भी की।
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बहरहाल संसद में चीन के साथ झड़प को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है। सरकार का कहना है कि रक्षा मंत्री इस पर संसद में पहले ही बयान देकर सारी स्थिति साफ कर चुके है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-चीन झड़प को लेकर मंगलवार को कहा था कि 9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने तवांग में LAC का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने PLA को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए।
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