मल्लिकार्जुन खड़गे आज आधिकारिक रूप से कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए। AICC मुख्यालय दिल्ली में चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र सौंपा। अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे भाषण देते हुए काफी भावुक नज़र आए। इस मौके पर सोनिया गाँधी समेत कांग्रेस के अन्य नेता भी वहां मौजूद रहे। अध्यक्ष पद सँभालने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे राजघाट भी पहुंचे और वहां गांधीजी को श्रंद्धाजलि भी दी।
इसके बाद वे जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की समाधि पर गए और गाँधी जी के साथ कांग्रेस के तीनों पीढ़ियों को भी नमन किया। इसके अलावा खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और दलित नेता बाबू जगजीवन राम की समाधि पर भी फूल चढ़ाए। वहीं AICC पहुंचने पर सोनिया और राहुल ने मंच पर खड़गे को गुलदस्ता सौंपकर उनका स्वागत किया।
अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में खड़गे ने कहा- आज मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। आज एक सामान्य कार्यकर्ता को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुनकर ये सम्मान देने के लिए मैं आप सबको हार्दिक धन्यवाद देता हूं। हम हर चुनौती से मिलकर लड़ेंगे और हर झूठ का पर्दाफाश करेंगे।
वहीं सोनिया गांधी ने भी खड़गे को बधाई देते हुए कहा कि खड़गे को अध्यक्ष पद की कमान सौंपकर वे राहत महसूस कर रही हैं। उनके सिर से बड़ा बोझ उतर गया है। उन्होंने कहा- मैं नए पार्टी अध्यक्ष खड़गे जी को बधाई देती हूं। सबसे अधिक संतोष इस बात का है कि जिन्हें अध्यक्ष चुना है, वे एक अनुभवी और धरती से जुड़े हुए नेता हैं। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए अपनी मेहनत और समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। सोनिया ने अपने कार्यकाल के लिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद भी दिया।
बता दें की खड़गे ने अध्यक्ष बनने से पहले मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। उन्हें AICC हेडक्वार्टर में शपथ के लिए सुबह 10 बजे का समय तय किया गया था।
बता दें की कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के नतीजों में मल्लिकार्जुन खड़गे की जित हुई। जिसमें उन्होंने शशि थरूर को 6825 वोट से हराया है। खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिलें। इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता हो गए हैं। खड़गे दूसरे दलित नेता है जो कांग्रेस अध्यक्ष बनें। इससे पहले बाबू जगजीवन राम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे।
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कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद खड़गे की चुनौतियां भी बढ़ गयी है। खड़गे की जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी उनके सामने हैं। बता दें की अब केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की पार्टी बची है। वहीं झारखंड और तमिलनाडु में पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल है, लेकिन मुख्यमंत्री दूसरे दलों के हैं।
खड़गे कांग्रेस के अध्यक्ष बने है और इसी साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। वहीं, अगले साल यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में खड़गे के सामने पार्टी को एकजुट करने और चुनाव मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
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