Mizoram: पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रति नई प्रतिबद्धता के साथ बुधवार 10 जून को पूरे राज्य में हरित मिजोरम दिवस मनाया गया। इस साल की थीम, ‘पेड़ लगाएं और वर्षा का जल संचय करें’, जल संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र के लचीलेपन में पौधारोपण की अहम भूमिका होती है। सेरछिप जिले के थेनजावल कस्बे में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राज्य के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री लालथांसा शामिल हुए। Mizoram
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इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री लालथांसा ने भूजल संरक्षण, मिट्टी के कटाव को रोकने और जैव विविधता को बनाए रखने में पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सभी नागरिकों से मिजोरम की समृद्ध प्राकृतिक विरासत की रक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर सभी जिला मुख्यालयों में आधिकारिक समारोह आयोजित किए गए और इस अवसर पर पूरे राज्य में सामूहिक पौधारोपण अभियान भी चलाए गए।
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राज्यपाल जनरल (सेवानिवृत्त) विजय कुमार सिंह और उनकी पत्नी भारती सिंह भी राजभवन परिसर में राजकीय वृक्ष ‘हर्शे’ का पौधा लगाकर समारोह में शामिल हुए। राज्यपाल विजय कुमार सिंह ने बढ़ते वैश्विक जलवायु परिवर्तन संकट को रोकने के लिए वनों और पौधारोपण को विस्तार देने की कोशिशों को तेज करने पर जोर दिया। 1999 से हर साल 11 जून को हरित मिजोरम दिवस मनाया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि 1999 से अब तक राज्य भर में 46 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए जा चुके हैं।