Money Laundering: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानी की आज 12 अगस्त को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिन्हें पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार किया था।
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बता दें, जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी की ओर से पेश सीनियर अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान मेहता ने डीएमके नेता को जमानत दिए जाने का विरोध किया और कहा कि मुकदमे में देरी के लिए पूर्व मंत्री जिम्मेदार हैं।
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सुनवाई के समय तुषार मेहता ने द्रमुक नेता को जमानत देने का विरोध किया। उनका दावा था कि सेंथिल बालाजी को मुकदमें में देरी का दोष देना चाहिए था। सेंथिल बालाजी पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जेल में हैं, मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस मामले में ट्रायल को जल्दी पूरा करने की भी कोई संभावना नहीं है। सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका बाद में अदालत द्वारा खारिज कर दी गई। अदालत ने कहा कि बालाजी को इस मामले में जमानत पर रिहा करना समाज में गलत संकेत देगा।
