MOU: मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र ने शनिवार को ‘ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना’ को संयुक्त रूप से शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अधिकारियों ने इस परियोजना को दुनिया का सबसे बड़ा भूजल पुनर्भरण कार्यक्रम बताया। महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से दोनों राज्यों के लोगों को लाभ होगा।
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उन्होंने कहा कि ये परियोजना विदर्भ के अकोला, बुलढाणा और अमरावती जिलों में खारे भूजल की समस्या को दूर करने में मदद करेगी। CM फडणवीस ने कहा कि इस परियोजना से दोनों राज्यों को लाभ होगा। ये महाराष्ट्र के लिए आवश्यक है, खासकर उन जगहों के लिए जहां खारे पेयजल की समस्या है। इससे अकोला, बुलढाणा और अमरावती के ‘खारे पानी वाले क्षेत्र’ की संरचना बदल जाएगी। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
मध्यप्रदेश के सिंचाई मंत्री तुलसी सिलावट और उनके महाराष्ट्र समकक्ष गिरीश महाजन भी समारोह में मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश भाई की तरह हैं। CM फडणवीस ने याद दिलाया कि पूर्वी महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र कभी मध्यप्रदेश का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि मैं नागपुर से हूं जो कभी मध्यप्रदेश की राजधानी हुआ करता था।हमारा पुराना रिश्ता है।
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फडणवीस ने कहा कि करार पर हस्ताक्षर करने से पहले, जल मुद्दों पर मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र अंतर-राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की बैठक 25 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद हुई। उन्होंने कहा कि बैठक में, दोनों राज्यों ने कन्हान नदी पर जामघाट परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जो नागपुर की जल आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है।
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