थिएटर एक्टिविस्ट प्रफुल्ल माटेगांवकर जो पेशे से सिविल इंजीनियर भी हैं ने नागपुर में अपने घर के सामने वाले यार्ड में राम मंदिर की 15 फीट ऊंची 21 फीट लंबी और 10 फीट चौड़ी प्रतिकृति बनाई है।प्रतिकृति बनाने का विचार उन्हें पिछले साल दिवाली के दौरान आया था, जिसके बाद उन्होंने इंटरनेट पर उपलब्ध राम मंदिर की कई डिजाइनों की स्टडी की।प्रतिकृति बनाने में उन्हें दो महीने से अधिक का समय लगा, जो 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है और अंतिम काम चल रहा है। रात को लोगों को देखने में सुंदर लगे इसके लिए लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है।प्रफुल्ल को उम्मीद है कि 22 जनवरी को दोपहर में प्रतिकृति का उद्घाटन किया जाएगा जब अयोध्या में राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह निर्धारित है।
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प्रफुल माटेगांवकर: डिजाइनिंग का और स्टडी का काम पकड़ेंगे तो करीब दो महीना और क्योंकि करीब एक महीना तो मेरा ड्राइिंग बनाने में ही गया और फिर एक महीने का टाइम फ्रैबिकेशन से लेकर आज तक अभी भी उसकी लाइटिंग का काम बाकी है जो कल होगा लेकिन 90 प्रतिशत से ज्यादा या उससे भी ज्यादा काम हो गया है। रात के लिए मंदिर ऐसा उठ के देखने को बना तो उसको एक्सटीरियर लाइटिंग मंदिर के ऊपर में कुछ कर रहा हूं।संकल्पना ऐसे आई कि मैं किलों के मॉडल बनाने का शौक है तो मैं हर दीपावली में ट्रक से मेटेरियल लाकर शिवाजी महाराज के किले को बनाता था। इस दिवाली मैंने सोचा कि क्यूं ना फोर्ड की जगह अभी राम मंदिर का इतना माहौल चल रहा है तो क्यों ना राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई जाए। ये सोच कर ये दिमाग में आया।”