NDA: एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने आज संसद भवन में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, और एनडीए के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। राधाकृष्णन के नामांकन पत्र में पीएम मोदी मुख्य प्रस्तावक बने। नामांकन चार सेटों में दाखिल किया गया, जिसमें प्रत्येक सेट पर 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर हैं।NDA
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राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और आरएसएस पृष्ठभूमि से जुड़े हैं। वे दो बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और झारखंड, तेलंगाना, और महाराष्ट्र में राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एनडीए की कोशिश है कि राधाकृष्णन को निर्विरोध चुना जाए, जिसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों से समर्थन की अपील भी की है।दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनके नाम की घोषणा की और इसे एक वैचारिक लड़ाई बताया। सुदर्शन रेड्डी, जो आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले से हैं, एक प्रतिष्ठित न्यायविद रहे हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, और सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। रेड्डी कल, 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।NDA
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इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव बेहद रोचक होने वाला है, क्योंकि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से और सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को चुनकर एक गैर-राजनीतिक और संवैधानिक छवि वाले उम्मीदवार को सामने रखा है, जबकि एनडीए राधाकृष्णन के जरिए दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है।NDA
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा, और उसी दिन मतगणना के बाद परिणामों की घोषणा की जाएगी। एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को मिलाकर स्पष्ट बहुमत है वहीं, विपक्ष को टीडीपी, वाईएसआरसीपी, और बीजेडी जैसे दलों से समर्थन की उम्मीद है, लेकिन संख्या बल में वह अभी पीछे दिख रहा है।इस चुनाव में क्षेत्रीय दलों की भूमिका अहम होगी।उपराष्ट्रपति चुनाव का मुकाबला न केवल संसदीय राजनीति के लिए, बल्कि केंद्र की सियासत के लिए भी महत्वपूर्ण रहेगा।NDA
