Nepal Earthquake News :शुक्रवार को देर रात नेपाल के उत्तर-पश्चिम में आए भूकंप के तेज झटकों में भारी तबाही हुई। राहत बचाव कार्य रविवार को भी जारी है। वहीं भूकंप पीड़ितों को राहत शिविर में रखा गया है, जहां उन्हें सभी बुनियाद सुविधाएं दी जा रही हैं।नेपाल के माटल थेबल गांव में कई पक्के मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
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पहाड़ी गांवों तक मदद पहुंचाने के लिए बचाव कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भूकंप के कारण भूस्खलन से कई सड़कें भी बंद हो गईं हैं।बचाव राहत कार्य में जुटे अधिकारी ने बताया, “जिन लोगों को बचाया गया है उन्हें जिले से बाहर भेजा जा रहा है ताकि उन्हें बेहतर इलाज मिल सके। लोगों ने अपने घर खो दिए हैं। वे सड़क पर अपना जीवन जी रहे हैं।वहीं एक राहत शिविर के आयोजक ने कहा, “व्यवस्था की गई है और लोगों को सहायता दी जा रही है। डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। हमने सभी जिलों में प्रभावित लोगों के लिए व्यवस्था की है।भूकंप से अब तक 157 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 200 लोग घायल हुए हैं। जाजरकोट और रुकुम, नेपाल के सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं।कई गैर-सरकारी संगठन प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए नेपाल पहुंच गए हैं।शुक्रवार को नेपाल में आया भूकंप 2015 में आए भूकंप के बाद सबसे विनाशकारी माना जा रहा है। नेपाल में 2015 में आए भूकंप में लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 से ज्यादा घायल हो गए थे।
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बचाव कार्य जारी है। जिन लोगों को बचाया गया है उन्हें जिले से बाहर रेफर किया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। लोगों ने अपने घर खो दिए हैं। वे सड़क पर अपना जीवन जी रहे हैं।युवा, नेपाल सेना, एपीएफ की टीम, सभी भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में जुटे हुए हैं। युवा और सामाजिक कार्यकर्ता प्रभावित घरों से लोगों को बाहर निकालने में मदद करने में शामिल हैं।हम उन लोगों को राहत दे रहे हैं जो भूकंप से प्रभावित हुए हैं। व्यवस्था की गई है और लोगों को सहायता दी जा रही है। डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। हमने सभी जिलों में प्रभावित लोगों के लिए व्यवस्था की है।”ऐसी दुखद घड़ी में राधा माधव समिति जो आध्यात्मिक संस्था है, तुलसी बिंब में रहती है वहां से हम राहत लेकर आए हैं। हालांकि, अगर हम नेपाल सरकार की तरफ से देखें, तो इसमें काफी समय लगेगा। सभी नेपाली लोगों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है।उन्हें ठंड में मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है।
(Souce PTI )
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