राजधानी में नर्सरी क्लास एडमिशन के लिए डिस्टेंस और पॉइंट् देने के क्राइटेरिया पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या किसी आवेदक को दिए गए बिंदुओं को निर्धारित करने के लिए स्कूल बस द्वारा तय की गई दूरी के माप से दूरी की कसौटी से बदलना जायज है।
कोर्ट ने कहा कि बस द्वारा कवर किए गए मार्ग के आधार पर दूरी तय करना उचित नहीं है। खासकर उस समय जब एक बच्चे को इस आधार पर एडमिशन देने से इनकार किया जाता है। यह मामला एक बच्ची को निर्धारित कैटेगरी के तहत स्कूल में एडमिशन दिए जाने से इनकर करने से जुड़ा है। याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि बच्ची गौतम नगर में रहती है। यह स्कूल की तरफ से निर्धारित किए गए 8 किलोमीटर से कम कैटेगरी के तहत आता है। इसके 30 पॉइंट मिलते हैं। लेकिन स्कूल ने बच्ची के घर को एंड्रयूज गंज के समीप माना, जो 8 से 10 किलोमीटर की कैटेगरी में आता है। इस केटेगरी के लिए डिस्टेंस के 20 प्वाइंट हैं। स्कूल का मानना है कि गौतम नगर एंड्रयूज गंज पोस्ट ऑफिस के एरिया में पड़ता है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में गूगल मैप का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें बच्ची के घर से स्कूल की दूरी 8 किलोमीटर दिखाई गई। वही स्कूल की तरफ से यह दावा किया गया कि बस रूट के आधार पर गौतम नगर की दूरी 12 किलोमीटर से अधिक पढ़ती है। स्कूल ने कोर्ट में बस के रूट का चार्ट भी दिखाया, जिसमें गौतम नगर पहुंचने से पहले जहां बस रूकती है। इसमें स्कूल से घर की दूरी साढ़े12 किलोमीटर पड़ती है।