(अवैस उस्मानी)–Chief Justice DY Chandrachud– भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया है। भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा अपने एक साल के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश की न्यायिक व्यवस्था में कई अहम और ऐतिहासिक काम किए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा अदालत परिसरों को समावेशी और सुलभ बनाना, हाइब्रिड सुनवाई प्रणाली, क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलों को आम लोगों तक पहुंचाने, न्यायिक विमर्श में लैंगिक रूढ़िवादिता का मुकाबला करना पिछले वर्ष के दौरान की गई कुछ अहम पहल हैं।
लैंगिक न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने पर एक हैंडबुक भी लॉन्च किया जिसका उद्देश्य न्यायिक विमर्श से लैंगिक घिसी-पिटी बातों को निकलना है। मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर शीर्ष अदालत ने अदालत परिसर के भीतर LGBTQIA+ समुदाय को शामिल करने की दिशा में पहल की गई। सुप्रीम कोर्ट परिसर में यूनिवर्सल रेस्ट रूम बनाए गए, इस साल की शुरुआत में लॉन्च किए गए ऑनलाइन उपस्थिति पोर्टल को भी लिंग तटस्थ बनाया गया। सुप्रीम कोर्ट परिसर के भीतर सभी महिला शौचालयों में सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें और 14 भट्टियां भी स्थापित की गई हैं।..Chief Justice
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मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मुकदमेबाज़ी अनुकूल सुविधाएं भी शुरू की जिनमें हाइब्रिड सुनवाई प्रणाली, एकीकृत केस प्रबंधन प्रणाली (आईसीएमआईएस) का उन्नयन शामिल है। मामलों का ममेंशनिंग करने की एक नई प्रणाली भी शुरू की गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी जरूरी मामलों का अदालत के समक्ष समय पर उल्लेख किया जाए। जनता की सुविधा के लिए ई-प्रवेश पास बनाने के लिए एक सु-स्वागतम पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिससे अदालत को और अधिक सुलभ बनाया जा सके। बीते एक साल के कार्यकाल के दौरान मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने संविधानिक मुद्दों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए पांच जजों और सात जजों की कई संविधान पीठ का गठन किया।
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग जैसे जटिल मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान पीठ का गठन किया। वहीं सदन में वोट के बदले नोट मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई किया। इन संविधान पीठ ने बीते एक साल में कई अहम फैसला भी सुनाया। अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे विकास कार्यों का समय समय पर जायज़ा लिया।