Online Game: मोबाइल चलाना भला किस बच्चे को पसंद नहीं है और उससे ज्यादा मोबाइल फोन में गेम खेलना पसंद है। अब इसे स्मार्टफोन का क्रेज कहें या फिर गेम का क्रेज कहें लेकिन गेम खेलने में बच्चे इतना ज्यादा बिजी रहते हैं कि उन्हें यह पता ही नहीं होता है कि उनके आस-पास क्या हो रहा है? गेम खेलने के इस क्रेज को लत कहना भी गलत नहीं है क्योंकि बच्चे घंटों मोबाइल फोन में गेम खेलते रहते हैं और इसका उनकी मानसिकता पर भी गलत प्रभाव पड़ता है।
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बता दें कि हाल ही में एक मामला सामने आया है जहां एक बच्चे ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में अपने पेरेंट्स के अकाउंट से 5 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया हैं। यह घटना यूपी के लखनऊ की है जहां एक 7वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे ने ऑनलाइन गेम के चक्कर में थोड़ा-थोड़ा करके 5 लाख रुपये किसी अनजान व्यक्ति के खाते में भेज दिए। दरअसल बच्चा ऑनलाइन गेम खेलता था और उसे एक व्यक्ति ने गेम आईडी बनवाने का झांसा देकर उससे पैसे ट्रांसफर करा लिए और इसकी जानकारी उसके पेरेंट्स को भी नहीं लगी।
24 अगस्त से 2 सितंबर तक हुआ ट्रांजैक्शन- बच्चे ने ठगी के अकाउंट में पहला ट्रांजैक्शन 24 अगस्त को किया था और उसके बाद यह सिलसिला 2 सितंबर तक चलता रहा। इस बात की जानकारी बच्चे के पेरेंट्स को बिल्कुल भी नहीं लगी कि उनके UPI से ट्रांजैक्शन हो रहा है और जब तक उन्हें पता चला तब तक उनके अकाउंट से 5 लाख रुपये गायब हो चुके थे।
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पेरेंट्स रहें सतर्क- पेरेंट्स को अपने बच्चे की हर एक्टिविटी पर ध्यान रखना चाहिए। अक्सर बच्चे अपने पेरेंट्स का फोन यूज करते हैं और पेरेंट्स बेफिक्री से अपने बच्चों को फोन इस्तेमाल करने देते हैं। उन्हें इस बात का ध्यान ही नहीं होता कि उनके बच्चे फोन में क्या कर रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स का सतर्क रहना बहुत जरूरी है। बच्चों के लिए फोन किसी खतरे से कम नहीं है और ऐसे में जितना हो सके उन्हें फोन से दूर रखें। बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजे और उनसे तरह-तरह की एक्टिविटी कराएं। अगर आपका बच्चा फोन का इस्तेमाल करता है तो उसके यूज करने के बाद हिस्ट्री जरूर चेक करें। बैंक से होने वाले ट्रांजैक्शन पर ध्यान रखें और अपनी UPI आईडी व बैंक का पिन अपने बच्चे के साथ शेयर न करें।
