(प्रदीप कुमार): अरुणाचल के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर विपक्ष ने आज दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। इससे पहले कांग्रेस, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस, आप समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिया। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का मुद्दा गूंजा। विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से जवाब मांगा। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने कहा कि ये होता रहा है। चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। लद्दाख और उत्तराखंड से वे अरुणाचल पहुंचे हैं। हमें चीन की साजिश से निपटने के लिए सरकार की तैयारी जानने का अधिकार है।
हंगामे को लेकर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस विषय में संसद को जानकारी देंगे। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में अरुणाचल झड़प को लेकर अपना बयान दिया लेकिन विपक्ष ने स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सदन से वाकआउट कर अपना विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस ने झड़प की घटना को लेकर कहा कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा के माध्यम से देश को विश्वास में लेने की जरूरत है।कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, भारतीय सेना के जवानों के साथ चीन ने उकसावे की कार्रवाई की है और हमारे जवानों ने भी करारा जवाब दिया है जिसमें कुछ जवान घायल भी हुए हैं। खड़गे ने कहा कि, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पूरा देश एक है और इसका हम राजनीतिकरण नहीं करेंगे। लेकिन मोदी सरकार को चीनी घुसपैठ और एलएसी पर अप्रैल 2020 के बाद की स्थिति को लेकर संसद में बहस कराके पूरे देश को विश्वास में लेना चाहिए। हम अपने जवानों के अतुलनीय शौर्य और बलिदान के हमेशा ऋणी रहेंगे।
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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले में सरकार को घेरा, औवेसी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई है और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई। बहरहाल अरुणाचल प्रदेश में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर विपक्ष आक्रमक है और इस मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने में जुटा है।