Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttarakhand) के कुछ हिस्सों में जंगल की आग लगातार भड़क रही है। अधिकारियों के मुताबिक अब तक 800 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल आग से राख हो चुके हैं। एडीशनल चीफ फॉरेस्ट कंजरवेटर निशांत वर्मा ने कहा कि आग लगने के ज्यादातर मामले कुमाऊं में सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे हालात को लेकर पूरी तरह चौकन्ने हैं और आग की जानकारी मिलते ही उसे बुझाने की ठोस कोशिशें कर रहे हैं।
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सोमवार को लैंसडौन फॉरेस्ट डिवीजन के गुलरझरा इलाके से एक आदमी को जंगलों में आग लगाने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जंगल की आग ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में काम कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि आग लगने की मूल वजहों को पहचानने की जरूरत है। हर साल गर्मियों के दौरान जंगलों में आग लग जाती है। उत्तराखंड में जंगलों समेत आग लगने के सभी मामलों में 2023 के मुकाबले मार्च-अप्रैल के दौरान कई गुना बढ़ोतरी हुई है। सिर्फ नैनीताल जैसे कुछ जिलों में ही सात गुना से ज्यादा मामले बढ़े हैं।
कुमाऊं और गढ़वाल के जंगलों में आग बुझाने की मुहिम जारी है। नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स, सेना, होम-गार्ड और लोगों के अलावा वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने के काम में लगे हैं।
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बीजेपी लैंसडौन विधायक दिलीप रावत ने कहा कि इसी रूप से जंगलों में जो आग लग रही है वो चिंता जनक है, और मैं समझता हूं मैंने तो मांग भी करी थी अभी मुख्यमंत्री जी से और विधानसभा अध्यक्ष से भी केवल वनों के लिए एक दिन का समय चाहिए जिसमें हम सारे मुद्दें पर चर्चा की जाएं।