संसद में चीन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष ने किया वॉकआउट

(प्रदीप कुमार): अरुणाचल के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प का मुद्दा आज फिर संसद में गूंजा। इस मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में हंगामा हुआ, इधर राज्यसभा में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा देखने को मिला। सदन की कार्रवाही शुरू होने से पहले ही दोनों सदनों में विपक्षी नेताओं ने चर्चा के नोटिस दिए। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत-चीन झड़प को लेकर नोटिस दिया, वहीं राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दिया। कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने भारत चीन झड़प को चर्चा से जुड़ा महत्वपूर्ण विषय बताते हुए नोटिस दिया।

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में इस पर हंगामा हुआ। इधर राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। चीन पर चर्चा की विपक्षी सांसदों की मांगों को सभापति द्वारा खारिज किए जाने के बाद राज्यसभा में विपक्षी दलों ने सदन से सामूहिक वॉकआउट कर सरकार पर हमला बोला। एकजुट विपक्ष ने इस मुद्दे पर अब सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग जोरशोर से उठाई है।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने चीन के मुद्दे को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर और संवेदनशील विषय बताते हुए संसद में विस्तार से चर्चा की मांग की है। साथ ही खड़गे ने सरकार पर चर्चा से भागने के आरोप लगाए है। इधर संसद में विपक्ष के हंगामे को लेकर सरकार ने भी पलटवार किया।केंद्र सरकार ने कहा कि विपक्ष संवेदनशील विषय पर राजनीति कर रहा है। सदन के बाहर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज हमने राज्यसभा में विपक्षी दलों की हताशा देखी है। पीयूष गोयल ने आरोप लगाया कि विपक्ष में मर्यादा का पूर्ण अभाव है।विपक्ष की निराशा उस स्तर तक पहुंच गई है जहां उन्हें संसद के कामकाज किसी भी नियम और कानून पर भरोसा नहीं है।

विपक्ष को निशाने पर लेते हुए राज्यसभा में नेता सदन पियूष गोयल ने कहा कि चीन को लेकर रक्षा मंत्री के पिछले दिनों संसद में दिए। बयान के बाद विपक्ष को इस विषय को विराम देना चाहिए था, लेकिन विपक्ष इस संवेदनशील मसले पर राजनीति कर रहा है। कांग्रेस के नेता हमारी सेना को हतोत्साहित कर रहे हैं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जिस प्रकार के बयान दिए। उससे मुझे लगता है कि सेना का मनोबल टूटता।

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इसके अलावा संसद में अन्य मुद्दे उठे लेकिन चीन के साथ झड़प के मुद्दे पर चर्चा की मांग विपक्ष की लड़ाई का मुख्य विषय बनता नज़र आ रहा है। इस बीच चर्चा है कि सदन की कार्यवाही अपने तय समय 29 दिसंबर से पहले 23 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो सकती है। ऐसे में सरकार का फोकस जहां महत्वपूर्ण कामकाज को निपटाने पर है, तो वहीं विपक्ष अलग-अलग मुद्दों और खास तौर से चीन से झड़प के मुद्दे को प्रमुख तौर से उठाते हुए सरकार पर हमला बोल रहा है।

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