केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व के प्रमुख देशों में भेजने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य वैश्विक समुदाय को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई की सच्चाई से अवगत कराना है।
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पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को एक्सपोज करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने निर्णय किया है कि सात सर्वदलीय डेलिगेशन विश्व के प्रमुख देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC में जाकर ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी देंगे और पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करेंगे।
इन सर्वदलीय डेलिगेशनों का नेतृत्व वरिष्ठ नेता करेंगे। इनमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद,जेडीयू सांसद संजय कुमार झा शामिल है। इसके अलावा बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा, डीएमके सांसद कनिमोझी, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, और शिवसेना सांसद श्रीकांत एकनाथ शिंदे भी सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे।
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का भारत का कड़ा संदेश देगा। बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस माह के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगा। आगे कहा गया है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को सामने रखेगा, वे दुनिया के सामने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के देश के मजबूत संदेश को लेकर जाएंगे। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के संसद सदस्य और विदेश मंत्रालय के प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे।
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केंद्र सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि ऐसे क्षणों में जब सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है, भारत एकजुट रहता है। किरेन रिजिजू ने कहा कि आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस के हमारे साझा संदेश को लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेगे।किरेन रिजिजू ने कहा कि ये राजनीति से ऊपर, मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब दिखायेगा।
जानकारी के मुताबिक ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, रूस, मध्य पूर्व, और अन्य प्रमुख देशों का दौरा करेगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यह पहल न केवल ऑपरेशन सिंदूर की पारदर्शिता को दर्शाएगी, बल्कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को भी मजबूत करेगी, साथ ही यह कदम भारत की कूटनीति में एक नया अध्याय भी जोड़ेगा।