सोनीपत(कविता शर्मा): सोनीपत में नियम 134ए के तहत स्कूल अलॉट होने के बावजूद निजी स्कूलों ने विद्यार्थियों को दाखिला देने से मना करने पर अभिभावकों में जबरदस्त रोष देखने को मिला नाराज अभिभावकों ने पहले बीईओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया और उसके बाद छात्र-अभिभावक संघ के नेतृत्व में पैदल मार्च निकालते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और निजी स्कूलों के खिलाफ नारेबाजी की। अभिभावकों ने डीसी के न मिलने पर मांगों संबंधी ज्ञापन नायब तहसीलदार प्रदीप कुमार को सौंपा।
शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र के बीच में शुरू की गई नियम 134ए की दाखिला प्रक्रिया ने अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अपने बच्चों को निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा दिलवाने के लिए अभिभावकों ने पिछले स्कूल से नाम कटवाकर स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र तो ले लिया, लेकिन नियम 134ए के तहत अलॉट हुए स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों को दाखिला देने से मना कर दिया है। जिससे अभिभावकों में रोष बना हुआ है। इसी रोष स्वरूप अभिभावकों ने बुधवार को मॉडल टाउन स्थित बीईओ कार्यालय पहुंचे जमकर प्रदर्शन किया।
READ ALSO हरियाणा में ओमिक्रॉन की एंट्री, प्रदेश में 4 केस मिले, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी जानकारी
लघु सचिवालय पहुंचे अभिभावकों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि निजी स्कूलों ने अब बच्चों को दाखिला देने से साफ मना कर दिया है। निजी स्कूलों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी लंबित प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं करती, तब तक वे नियम 134ए के तहत दाखिले नहीं देंगे। अभिभावकों ने कहा कि बच्चों के मूल्यांकन परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने पुराने स्कूल से एसएलसी भी निकलवा लिए हैं। नए स्कूलों में दाखिला न मिलने के कारण उनके भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। अभिभावकों ने कहा कि यह मामला निजी स्कूलों व सरकार के बीच का है, इसमें विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
छात्र अभिभावक संघ के जिला प्रधान विमल किशोर ने कहा किनिजी स्कूल संचालकों ने अगर विद्यार्थियों को नियम 134ए के तहत दाखिला नहीं देते हैं तो मजबूरी में छात्र अभिभावक संघ को संघर्ष करना पड़ेगा। गत वर्षों में भी ऐसी परिस्थितियों में छात्र-अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों के खिलाफ आंदोलन किया था। जब तक निजी स्कूल नियम 134ए के तहत विद्यार्थियों को दाखिला नहीं देते, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
वही प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ तो अभिभावक संघ बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होगा, बहरहाल निजी स्कूलों की मनमानी के चलते जहां अभिभावक अपने बच्चों को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं वही बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि स्कूलों के मनमानी पर प्रशासन ने क्या कदम उठाता है ।