Parliament: राज्यसभा में ‘चुनाव सुधारों पर चर्चा’ के दौरान कांग्रेस सांसद अजय माकन ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए लोकतंत्र की सेहत पर सवाल उठाए। अजय माकन ने कहा कि भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है, लेकिन हाल की घटनाएं बताती हैं कि लोकतंत्र खतरे में है। माकन ने लोकतंत्र की तीन बुनियादी शर्तें बताईं – लेवल प्लेइंग फील्ड, ट्रांसपेरेंसी और क्रेडिबिलिटी – और इन पर विस्तार से अपनी बात रखी। Parliament:
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सबसे पहले लेवल प्लेइंग फील्ड पर बोलते हुए अजय माकन ने राजनीतिक दलों के फंडिंग में भारी असमानता का जिक्र किया। अजय माकन ने कहा कि 2004 में बीजेपी के बैंक खातों में 88 करोड़ रुपये थे, जबकि कांग्रेस के पास 38 करोड़। 2009 में बीजेपी के 150 करोड़ के मुकाबले कांग्रेस के 221 करोड़।लेकिन 2014 के बाद बीजेपी के फंड्स में जबरदस्त उछाल आया: 2019 में 3562 करोड़ और 2024 तक 10,107 करोड़ रुपये। Parliament:
अजय माकन ने आरोप लगाया कि 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के बैंक खाते सीज कर दिए गए। चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और अंत में खातों से पैसे निकाल लिए गए। इससे विपक्ष को चुनाव लड़ने में भारी नुकसान हुआ।अजय माकन ने आरोप लगाया कि “अगर अंपायर ही एक टीम की जर्सी पहन लेगा, तो दूसरी टीम क्या करेगी? Parliament:”
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ट्रांसपेरेंसी के मुद्दे पर अजय माकन ने हरियाणा चुनाव का उदाहरण दिया। वहां वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े बदलते रहे और CCTV फुटेज पर सवाल उठे। कोर्ट ने चुनाव आयोग को फुटेज जारी करने का आदेश दिया, लेकिन 10 दिनों के अंदर केंद्र सरकार ने नियम बदल दिए और फुटेज देने से इनकार कर दिया। अजय माकन ने कहा कि इसी तरह कर्नाटक के आलंद में भी वोट चोरी के आरोप लगे, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई मदद नहीं की। क्रेडिबिलिटी पर सबसे तीखा हमला बोलते हुए अजय माकन ने कहा कि चुनाव आयुक्तों को कानून बदलकर क्रिमिनल या सिविल एक्शन से पूरी इम्यूनिटी दे दी गई। चाहे कितना पक्षपात करें, कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती। Parliament:”
अजय माकन ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के दोहरे मापदंड का आरोप लगाया। अजय माकन ने कहा कि तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें किसानों को मदद देना चाहती थीं, तो चुनाव आयोग ने आचार संहिता का हवाला देकर रोक दिया। अजय माकन ने कहा कि लेकिन बिहार चुनाव में आचार संहिता लागू होने के बावजूद NDA सरकार ने लाखों महिलाओं के खातों में 10 हजार रुपये ट्रांसफर किए।अजय माकन ने आरोप लगाया कि – विपक्ष करे तो ‘रेवड़ी’, सत्ता पक्ष करे तो ‘जनकल्याण’। ये दोहरा मापदंड लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। Parliament:”
अजय माकन ने अपने भाषण में चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर अंपायर मैच फिक्स कर ले, तो खिलाड़ी क्या करेंगे? राज्यसभा में यह चर्चा जारी है और सत्ता पक्ष से भी जोरदार जवाब आने की उम्मीद है। Parliament:”
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