Parliament Security Breach- दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तारमहिला नीलम आजाद की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।आरोपित नीलम ने अपनी याचिका मेंपुलिस रिमांड को अवैध बताया है। याचिका में नीलम ने कहा कि उन्हें निचली अदालत की कार्यवाही के दौरान अपना बचाव करने के लिए अपनी पसंद के अधिवक्ता से परामर्श करने की अनुमति नहीं दी गई है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा बंसल की पीठ ने कहा मामले पर तत्काल सुनवाई की जरूरत नहीं है।नीलम के वकील ने कहा कि उन्होंने (नीलम) ने पुलिस रिमांड आदेश को चुनौती दी है और पांच जनवरी को उनकी पुलिस हिरासत ख़त्म हो रही है।
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नीलम के अनुरोध को ठुकराते हुए कोर्ट ने जवाब दिया कि रिमांड समाप्त होने से पहले सुनवाई के लिए अभी भी पर्याप्त समय है।13 दिसंबर को संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर नीलम को एक दूसरे आरोपित के साथ गिरफ्तार किया गया था, जबकि संसद भवन के अंदर पहुंचे दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था।
वकील सुरेश कुमार चौधरी ने कहा कि छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी। दूसरी चीज जो उठाई गई थी आर्टिकल 22 के ऊपर आप लोगों ने देखा और आरोपितों के अधिकारों के आधार पर याचिका दायर की है। हां रिहाई की मांग की है। अगर डिटेंशन ही पूरा नहीं हो रहा है। आपको पता है कि 24 घंटे की पिकअप लेकर जाना होता है। ये सब है। और अगर उससे ऊपर कोई जा रहा है उसको लेकर सवाल उठाया है। मेन कंसर्न हैं आर्टिकल 22 का।