संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, सरकार ने शनिवार को कहा कि वो सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, बशर्ते विपक्ष सदन में अनुकूल माहौल सुनिश्चित करे।सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा के लिए शनिवार को संसद में सर्वदलीय बैठक हुई। विपक्षी नेताओं ने आपराधिक कानूनों को बदलने की मांग करने वाले तीन विधेयकों के लिए अंग्रेजी नामकरण की मांग की। साथ ही महंगाई, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाया।
मीडिया से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने बैठक के दौरान आश्वासन दिया कि वो सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने कहा कि विपक्ष को चर्चा के लिए सक्षम वातावरण सुनिश्चित करना चाहिए।प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया है।विधेयकों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 19 विधेयक और दोफाइनेंशियल आइटम्स विचाराधीन हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के उप-नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष ने चीन की ओर से हमारी जमीन छीनने, मणिपुर, महंगाई और प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के ‘दुरुपयोग’ के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की है।जानकारी के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की तरफ से बैठक बुलाई गई थी। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, एनसीपी नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
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संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू हो रहा है। 22 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में 15 बैठकें होगी। जिसमें औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने सहित प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन में ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के मामले में लोकसभा की एक समिति की रिपोर्ट भी पेश किए जाने के लिए सूचीबद्ध है। इस रिपोर्ट में तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
संसदीय कार्य मंत्री प्र्ह्लाद जोशी ने कहा कि मीटिंग में 23 दलों के 30 नेता शामिल हुए थे। कई सजेशन आए हैं। शॉर्ट ड्यूरेशन के लिए, कॉलिंग अटेंशन के लिए और जीरो आवर के लिए। उनका कुछ डिमांड है। जीरो आवर तो हम चलाने ही आए हैं। दोनों सदनों में तो हम जीरो आवर ऑलमोस्ट 99 परसेंट हम चलाते ही आए हैं। शॉर्ट ड्यूरेशन का भी चर्चा हुआ है। लेकिन हमने इतना ही कहा है कि जब आप शॉर्ट ड्यूरेशन का चर्चा चाहते हो तो स्ट्रक्चर डिबेट के लिए माहौल बनाए रखना भी आपका एक जिम्मेदारी है। ऐसा हमारा भी निवेदन किया है। हम चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन आपको नियम और प्रोसीजर का पालन करते हुए चर्चा करना चाहिए। हमारा सरकार तैयार है, ये भी हमारी तरफ से इन लोगों को आश्वस्त किया गया है।pti