OM Birla News: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज मालदीव के साथ भारत के गहरे संबंधों की पुष्टि करते हुए कहा कि मालदीव न केवल एक मित्र पड़ोसी देश है, बल्कि भारत की ‘नेबरहुड फ़र्स्ट’ नीति और विजन सागर का एक प्रमुख स्तंभ भी है।ओम बिरला ने ये टिप्पणियां मालदीव की पीपुल्स मजलिस के स्पीकर, महामहिम अब्दुल रहीम अब्दुल्ला के नेतृत्व में भारत यात्रा पर आए मालदीव के संसदीय शिष्टमंडल के साथ संसद भवन में हुई बातचीत के दौरान कीं।
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ओम बिरला ने भारत की संसद में डिजिटलीकरण में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए शिष्टमंडल को बताया कि विधायी दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा है और भारतीय संसद अब 15 क्षेत्रीय भाषाओं में भाषांतरण सेवाएँ प्रदान कर रही है और शीघ्र ही यह सुविधा 22 भाषाओं में प्रदान की जाएगी ।ओम बिरला ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ु की भारत यात्रा के बाद संबंधों में नई गति का उल्लेख किया । उन्होंने आशा व्यक्त की कि मालदीव के संसदीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी ।
उन्होंने दक्षता को बढ़ाने के लिए संसदीय प्रक्रियाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किए जाने पर भी जोर दिया। मालदीव की पीपुल्स मजलिस के स्पीकर ने भारतीय संसद में प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण और एआई के उपयोग की सराहना करते हुए बिरला से मालदीव मजलिस के संसदीय संसाधनों के डिजिटलीकरण के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया।ओम बिरला ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस संबंध में भारत की संसद द्वारा मालदीव की पीपुल्स मजलिस को हर संभव सहायता दी जाएगी।उन्होंने संविधान की 75 साल की विरासत पर संसद के दोनों सदनों में हुई व्यापक चर्चाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी संसदीय दलों के सदस्यों ने इस चर्चा में भाग लिया । भारत की संसदीय समिति प्रणाली के बारे में विस्तार से बताते हुए, बिरला ने कहा कि समितियां “मिनी संसद” हैं, जहाँ प्रमुख बजटीय और नीतिगत मामलों की गहन जाँच की जाती है। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि ये समितियाँ निष्पक्ष रूप से कार्य करती हैं, जिससे ऐसे मामलों पर विस्तृत विचार-विमर्श संभव होता है, जिन पर प्रायः समय की कमी के कारण सदन में विस्तारपूर्वक चर्चा नहीं हो पाती । उन्होंने शिष्टमंडल को सूचित किया कि इस समय विभिन्न समितियाँ संसद में पेश किए गए बजट की जाँच कर रही हैं, जिससे सक्रिय वित्तीय निगरानी सुनिश्चित हो रही है।क्षमता निर्माण पहलों के बारे में चर्चा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में प्रशिक्षण प्रदान करने वाले संस्थान PRIDE (संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान) के बारे में बताया।ओम बिरला ने यह भी कहा कि मालदीव की संसद और सचिवालय PRIDE की विशेषज्ञता से लाभान्वित होंगे।
महामहिम अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने शिष्टमंडल के गर्मजोशी से किए गए स्वागत के लिए ओम बिरला को धन्यवाद दिया और भारतीय संसद की डिजिटल प्रगति और विशेष रूप से एआई के उपयोग की सराहना की। उन्होंने मालदीव के संसदीय अभिलेखागार के डिजिटलीकरण और संस्थागत सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत से तकनीकी सहायता का अनुरोध किया।इस बैठक में एन.के. प्रेमचंद्रन, आशीष दुबे, फ्रांसिस जॉर्ज, आलोक कुमार सुमन, शफी पेरम्बिल और लोक सभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह भी शामिल हुए।इससे पहले, मालदीव की पीपुल्स मजलिस के स्पीकर महामहिम अब्दुल रहीम अब्दुल्ला के नेतृत्व में भारत यात्रा पर आए संसदीय शिष्टमंडल ने लोक सभा की कार्यवाही देखी। ओम बिरला ने सदन में शिष्टमंडल का स्वागत किया।
