दिल्ली (प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने आतंकवाद जैसे खतरे से निपटने के लिए दुनिया को एक साथ आने की अपील की। इधर बैठक में दाऊद को लेकर चुप्पी साधता पाकिस्तान असहज नज़र आया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में इंटरपोल की 90वीं महासभा का उद्घाटन किया। इस मौके पर अपने भाषण के दौरान पीएम ने कहा कि विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 99 वर्षों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। यह कानूनी ढांचे में अंतर के बावजूद है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब खतरे ग्लोबल हों तो प्रतिक्रिया लोकल नहीं हो सकती। आतंकवाद, ड्रग कार्टेल, अवैध शिकार करने वाले गिरोहों या संगठित अपराधों के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होना चाहिए। यह उचित समय है कि दुनिया को इन खतरों को हराने के लिए एक साथ आना चाहिए,एक सेफ और सिक्योर दुनिया हमारी साझा जिम्मेदारी है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब अच्छी ताकतें सहयोग करती हैं, तो अपराध की ताकतें काम नहीं कर सकती हैं। 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारतीय सैन्य बलों की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में बहादुर लोगों को भेजने में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से भारत एक है। अपनी आजादी से पहले भी, हमने दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए बलिदान दिया है।
इंटरपोल की महासभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु से जुड़े लक्ष्यों से लेकर कोविड के टीके तक, भारत ने किसी भी संकट में नेतृत्व करने की इच्छा प्रदर्शित की है। ऐसे वक्त में जब राष्ट्र, समाज सिर्फ अपना हित देखने वाले बनते जा रहे हैं। वहीं भारत और व्यापक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात कर रहा है। हम स्थानीय हितों के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंटरपोल एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है। 2023 में, यह अपने 100 साल पूरे करेगा। यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है। दुनिया भर में पुलिस बल न केवल लोगों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि सामाजिक कल्याण को आगे बढ़ा रहे हैं।
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महासभा,इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है और साल में इसकी एक बार बैठक होती है। इस बैठक में इंटरपोल के कामकाज की समीक्षा की जाती है और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जाते हैं। भारत मे करीब 25 साल बाद हो रही इंटरपोल महासभा बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी।
महासभा की इस बैठक में इंटरपोल के 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहे है। पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी इस बैठक में शामिल है। हालांकि दिल्ली में इंटरपोल महासभा में भाग ले रहे पाकिस्तान ने दाऊद के सवाल पर चुप्पी साध ली है। पाकिस्तान के संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को लेकर पूछे गए एक सवाल पर ये चुप्पी साध ली। उनसे पूछा गया था कि क्या वे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को भारत को सौंप देंगे? इस सवाल से पाकिस्तान असहज हो गया और उसने चुप्पी साधना ही बेहतर समझा।
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