प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच दिवसीय विदेश यात्रा पूरी कर आज स्वदेश लौट आए हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया का दौरा किया, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक मंच पर भारत की सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।
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आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन देशों की सफल यात्रा के बाद गुरुवार को स्वदेश वापसी हो गई है। पीएम मोदी की 15 जून से शुरू हुई इस महत्वपूर्ण यात्रा का पहला पड़ाव साइप्रस रहा। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर पीएम मोदी ने निकोसिया में द्विपक्षीय वार्ता की और व्यापार, रक्षा व शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। यह दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा रही,जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊर्जा दी।
इसके बाद पीएम मोदी कनाडा पहुंचे, यहां पीएम मोदी ने G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। यह लगातार छठा मौका था जब पीएम मोदी इस वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। सम्मेलन में उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया। साथ ही, कनाडा के साथ तनावपूर्ण रहे संबंधों में सुधार की दिशा में भी यह दौरा अहम रहा है।
पीएम मोदी की यात्रा का अंतिम चरण क्रोएशिया रहा,यहां पीएम मोदी किसी भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार पहुंचे। ज़ाग्रेब में क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ पीएम मोदी की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग के नए द्वार खोले है। पीएम मोदी ने क्रोएशिया की गर्मजोशी और आतिथ्य की सराहना करते हुए इसे एक ऐतिहासिक यात्रा बताया है।
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पीएम मोदी की तीन देशों की इस यात्रा को कूटनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने न केवल भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। खास तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की ये पहली विदेश यात्रा क, जिसने भारत के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को विश्व मंच पर और स्पष्ट किया है।
