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यह भी जानें – रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से यह पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा है.यह यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की प्रतीक है,जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी में बातचीत का सबसे बड़ा मंच बन चुका है।यूक्रेन युद्ध के समय जब ज्यादातर देश रूस के खिलाफ खड़े हैं,तब भारत एक सच्चे दोस्त की भूमिका निभाते हुए पूरी दुनिया के सामने ये कह रहा है कि हम रूस के साथ हैं।
भारत -रूस की दोस्ती अधिक मजबूत होगी – भारत में मेक इन इंडिया का आडिया,भारतीय युवाओं में रोजगार के नए आयाम बने है।आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। भारत व रूस की दोस्ती अधिक मजबूत होगी । रुस -भारत के बीच समझौता दुनिया में स्थिरता लाने । बता दें कि दुनिया के अन्य हिस्सों में पेट्रोल -डीजल का संकट है लेकिन भारत में इसका असर नहीं हुआ ।
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प्रधानमंत्री मोदी बने फोटो प्रदर्शनी का हिस्सा – प्रधानमंत्री ने सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में भारत-रूस सहयोग पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी भी देखी। प्रधानमंत्री को “एटॉमिक सिम्फनी” भी दिखाई गई, जो वीवीईआर 1000 रिएक्टर का वर्किंग मॉडल और भारत में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपीपी) का दिल है।पवेलियन में प्रधानमंत्री ने भारतीय और रूसी छात्रों के ग्रुप से बात भी की। उन्होंने उन्हें साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को देखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका इस्तेमाल भविष्य की पीढ़ियों और प्लैनेट के फायदे के लिए किया जा सकता है।