प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र का अनावरण किया है।
इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। यह अशोक स्तंभ कांसे का बना हुआ है और यह दूर से ही दिखाई देगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने अशोक स्तंभ के उद्घाटन के मौके पर संसद भवन की नई इमारत बनाने में लगे श्रमिकों से भी बातचीत की।
इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश राय और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। अशोक स्तंभ के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी उसके समीप खड़े होकर तस्वीर खिंचवाते हुए भी नजर आए।
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इस अशोक स्तंभ को बनाने में 9 महीने का वक्त लगा है। अधिकारी ने बताया कि इसका ढांचा 9,500 किलोग्राम का है और 4.4 मीटर चौड़ा है। इसे संसद भवन की नई इमारत की छत के बीचों–बीच लगाया गया है। इसके अलावा सपोर्ट के लिए स्टील का एक 6500 किलो का स्ट्रक्चर भी तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस स्तंभ के निर्माण में कुल 8 चरणों में काम हुआ। कॉन्सेप्ट स्केच, क्ले मॉडलिंग और कंप्यूटर ग्राफिक समेत कुल 8 राउंड में इसे तैयार किया गया है।
अशोक स्तंभ को कुल 150 हिस्सों में तैयार किया गया था। इन्हें छत पर ले जाने के बाद असेंबल किया गया और फिर लगाया गया। अप्रैल के अंत में इनकी असेंबलिंग का काम शुरू किया गया था। इसमें करीब दो महीने का वक्त लगा है।
कांस्य से बने राष्ट्रीय प्रतीक की ऊंचाई 21 फीट है और वजन 9500 किलोग्राम है।
नए संसद भवन का निर्माण कार्य तय समय के अनुसार चल रहा है और सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है I अब तक 62 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और 30 अक्टूबर, 2022 तक संपूर्ण काम पूरा होने और दोनों सदनों को सौंपे जाने की संभावना है। संसद के शीतकालीन सत्र, 2022 के नए संसद भवन में होने की संभावना है।
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