प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – गोवा में पार्टी में टूट की खबरों के बीच कांग्रेस ने दिगंबर कामत और माइकल लोबो को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किए करने की मांग की है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष के सामने याचिका दायर की है।
पूर्व मुख्यमंत्री, कामत ने कहा कि वह “हैरान और स्तब्ध” थे, क्योंकि कांग्रेस के राज्य प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने उन पर और लोबो पर सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
सूत्रों के मुताबिक लोबो और कामत के अलावा, कांग्रेस के संपर्क में नहीं रहने वाले चार अन्य विधायको, केदार नाइक और लोबो की पत्नी दलीला लोबो की भी सदस्यता खतरे में है। वहीं इस संकट से निपटने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के निर्देश पर वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक ने आगे के एक्शन पर काम शुरू कर दिया है।
इससे पहले कांग्रेस ने विपक्ष के नेता के पद से माइकल लोबो को हटा दिया है और कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी दो–तिहाई विभाजन की कोशिश कर रही है, जो विद्रोहियों को दलबदल विरोधी कानून से बचने और अपनी सीटों को बनाए रखने में मदद कर सकता है।यदि आठ विधायक एक समूह के रूप में अलग होते हैं, तो वे अयोग्यता से बच सकते हैं।
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इस बीच माइकल लोबो ने दी सफाई दी है। कांग्रेस पहले ही विपक्ष के नेता माइकल लोबो को हटा चुकी है। लोबो, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से कांग्रेस में प्रवेश किया था, ने कहा है, “किसी ने भी मुझसे संपर्क नहीं किया है और इस तरह दलबदल के बारे में कोई विचार नहीं है।
इधर कांग्रेस के प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा है कि दोनों नेता अपने व्यक्तिगत कारणों से दलबदल करने की कोशिश कर रहे थे। “एक व्यक्ति – दिगंबर कामत ने अपनी रक्षा के लिए ऐसा किया, क्योंकि उनके खिलाफ कई सारे मामले हैं और दूसरा व्यक्ति माइकल लोबो सत्ता और पद के लिए ऐसा कर रहे थे।बीजेपी ऐसा करके विपक्ष को खत्म करना चाहती है।
इधर गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा है कि 25 विधायकों के साथ हमारी स्थिर सरकार कार्यरत है। हमें किसी की जरूरत नहीं है। चूंकि उनके पास कोई काम नहीं है, इसलिए वे यह आरोप लगाने का ड्रामा कर रहे हैं।